नई दिल्ली (New Dehli)। नमो भारत (Namo Bharat)में आप जितना अधिक सफर (journey)करेंगे, उतना ही अधिक लाभ (Benefit)आपको होगा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (National Capital Region Transport Corporation) ने ऐसी योजना (Plan)बनाई है, जिसके तहत ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को बोनस अंक दिए जाएंगे। इन्हीं अंकों के आधार पर ज्यादा सफर करने वाले लोगों का किराया सस्ता होगा। एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह से ‘हिन्दुस्तान’ के मेट्रो एडिटर गौरव त्यागी ने बातचीत की…
● पहले फेज पर नमो भारत का परिचालन शुरू हो गया है। अब आगे का रूट कब तक खोलने जाने की योजना है?
प्रोजेक्ट की शुरुआत में जून-2025 तक सराय काले खां से मोदीपुरम (मेरठ) तक का कॉरिडोर पूरा करने का लक्ष्य था। बीच में कोविड भी आया, जिसके हिसाब से हमें डेढ़ वर्ष अतिरिक्त मिलना चाहिए, लेकिन हम जून 2025 से पहले कॉरिडोर का काम पूरा कर लेंगे।
● किराये को लेकर क्या योजना है। क्या भविष्य में कम होगा?
दिल्ली मेट्रो को छोड़कर देश की सभी मेट्रो घाटे में चल रही हैं। नमो भारत में किराये के साथ-साथ दूसरे माध्यमों से भी पैसा जुटाया जाएगा। हम नमो भारत में सफर करने वाले यात्रियों का रिकॉर्ड रखेंगे। चाहे वे कार्ड से भुगतान करें या ऐप के जरिए, हम देखेंगे कि जो यात्री नियमित तौर पर सफर करेंगे, उन्हें कुछ बोनस अंक दिए जाएंगे, जिनका इस्तेमाल वे अपने अगले सफर में कर करेंगे। इससे ज्यादा सफर करने वालों का किराया थोड़ा सस्ता होगा।
● एनसीआर के शहरों में लास्ट माइल कनेक्टिविटी बड़ी समस्या है। यह कैसे दूर होगी?
हमने ऑटो, दोपहिया वाहनों से लेकर कैब चालकों के साथ समझौता किया है। जैसे ही कॉरिडोर पर ट्रेन का परिचालन बढ़ने पर यात्रियों की संख्या में इजाफा होगा तो यात्रियों को हर स्टेशन से लास्ट माइल कनेक्टिविटी की सुविधा मिलेगी।
● कई कॉरिडोर के विस्तार और नए कॉरिडोर को लेकर भी मांग हो रही है। इसे लेकर क्या योजना है?
जेवर एयरपोर्ट तक नया कॉरिडोर बनाने की मांग उत्तर प्रदेश सरकार ने रखी थी, जिसकी फिजिबिलटी रिपोर्ट यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण को दी गई है। मेरठ से मुजफ्फरनगर के बीच ट्रैक के लिए फिजिबिलटी रिपोर्ट पर एनसीआरटीसी काम कर रहा है। साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री का पत्र मिला था, उन्होंने जयपुर तक कॉरिडोर के विस्तार की मांग की है। पानीपत कॉरिडोर को करनाल तक बढ़ाने की मांग हो रही है। हालांकि, पहले मौजूदा कॉरिडोर बनेंगे, उसके बाद ही इन पर कोई फैसला होगा।
● मेरठ में मेट्रो को लेकर क्या योजना है?
देखिए! यह बहुत बड़े बदलाव की शुरुआत है। ट्रेन परिचालन तकनीक के रूप जर्मनी का बड़ा नाम है, जिसकी एक बड़ी कंपनी हमारे साथ काम कर रही है। मेरठ में हम एक ही रूट पर मेट्रो और नमो भारत ट्रेन का परिचालन करेंगे। वर्ष 2025 में वहां मेट्रो दौड़ने लगेगी। दोनों के एक साथ परिचालन में महज पांच सेकेंड का अतिरिक्त समय लगेगा, जो कोई मायने नहीं रखता है। दुनिया में यह अपनी तरह का पहला प्रयोग होगा। यूरोप के दो बड़े देशों ने हमसे संपर्क किया है। जल्द ही हम उनके यहां भी काम करते दिखेंगे, क्योंकि मेरठ में जो कुछ हम कर रहे हैं वो बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य है।
● दुहाई के आसपास एनसीआरटीसी अर्बन फार्मिंग पर भी काम कर रही है।
हम महिला सशक्तिकरण पर काम कर रहे हैं। ट्रेन और स्टेशन महिला चला रही हैं। कॉरिडोर के आसपास जहां पहले खेती होती थी, वहां अब इमारतें बनेंगी। इससे कृषि क्षेत्र कम होगा। ऐसे में हमने महिलाओं को लेकर योजना बनाई है। उन्हें आधुनिक खेती के प्रति जागरूक किया जाएगा। इससे छोटी जोत में उत्पादन बढ़ेगा और महिलाओं की आमदनी बढ़ेगी। यह प्रोग्राम महिला सशक्तीकरण की दिशा में अहम साबित होगा। इसकी शुरुआत हो चुकी है।
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