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    पांच साल से चल रहा था नाला टेपिंग, 7370 गंदे पानी के आउटफाल्स बंद कर पाया खिताब

  • August 12, 2021

    • अब सात एसटीपी की बदौलत निगम को रोज मिल रहा है 60 एमएलडी पानी

    इंदौर। पहले सफाई कार्यों में परचम लहराया और पांच सालों की मेहनत के बाद नगर निगम के खाते में एक और बड़ी उपलब्धि वाटर प्लस की मिली है। इस कार्य को शुरू करने के लिए निगम अफसरों की शुरुआती दौर में किरकिरी भी हुई, लेकिन अभियान जारी रहा और नदी-नालों में गिरने वाले गंदे पानी के 5624 आउटफाल और सार्वजनिक स्थानों के 1746 आउटफाल बंद करने का काम चलता रहा। कभी कान्ह, सरस्वती के हिस्से गंदगी से अटे पड़े रहते थे, अब वहां का नजारा ही बदल गया है। अब आने वाले दिनों में निगम रिवर फ्रंट डेवलपमेंट का काम बड़े पैमाने पर शुरू करने वाला है।

    नदी-नालों में गिरने वाले गंदे पानी के आउटफाल्स को लेकर सबसे पहले पूरी योजना तैयार कर उसके लिए अलग-अलग स्तर पर एजेंसियों को काम सौंपा गया और निगम अधिकारियों की टीम मॉनीटरिंग करती रही। कई स्थानों पर नाला टेपिंग के कार्यों में गलतियां भी रह गईं, जिसके कारण फिर से खुदाई करनी पड़ी और लोगों का विरोध भी झेलना पड़ा। इनमें रामबाग, पुरानी सब्जी मंडी, गाड़ी अड्डा, जूनी इंदौर, हाथीपाला से लेकर मध्य क्षेत्र के कई इलाके रहे हैं, जहां नाला टेपिंग के कार्य के लिए अफसरों को सर्वाधिक मशक्कत करना पड़ी। निगमायुक्त प्रतिभा पाल, अपर आयुक्त संदीप सोनी से लेकर निगम के कई अधिकारियों ने लगातार इस बड़े अभियान की मॉनीटरिंग कर इसे सफल बनाया। कल वाटर प्लस के लिए इंदौर देश का पहला शहर घोषित किया गया, लेकिन इसके लिए पांच सालों का संघर्ष रहा है। प्रोजेक्ट का कार्य देख रहे अधिकारी सुनील गुप्ता के मुताबिक शहर में 1746 सार्वजनिक आउटफाल थे और 5624 आउटफाल घरेलू थे, जिनका गंदा पानी नदी नालों में गिरता था। इसमें कई स्थानों पर जनभागीदारी के तहत लोगों को समझाइश देकर उनके यहां ड्रेनेज के लिए अलग लाइनें बिछाई गईं। इसके लिए लोगों ने बाकायदा निगम में राशि भी जमा कराई। जनभागीदारी से यह आउटफाल्स बंद किए गए और इसी के चलते कान्ह-सरस्वती नदी के साथ-साथ नालों की भी दशा सुधर गई।


    रोजाना साफ पानी
    निगम ने हरसिद्धि, आजादनगर, कबीटखेड़ी, राधास्वामी से लेकर सात स्थानों पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाए हैं और सभी एसटीपी चालू भी हो गए हैं, जिनकी क्षमता 77 एमएलडी की है। इन एसटीपी से वर्तमान में रोज 60 एमएलडी सीवरेज का पानी स्वच्छ होकर मिल रहा है, जो खेतों से लेकर बगीचों और अन्य कार्यों के लिए उपयोग में लाया जा रहा है। इसके लिए मेघदूत क्षेत्र में टंकी भी बनाई गई है।

    अब नदियां संवरेगी
    नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक अब कान्ह और सरस्वती नदी के किनारों को संवारने की कार्रवाई तेजी से शुरू की जाएगी। हालांकि निगम ने अभी करीब आठ से दस स्थानों पर सौंदर्यीकरण के अलग-अलग कार्य किए हैं, जिससे नदी का स्वरूप ही बदल गया है। कृष्णपुरा छत्री, गणगौर घाट, जयरामपुर, हरसिद्धि, रामबाग से लेकर कर्बला और दयानंद नगर में कई कार्य हुए हैं। अब अन्य हिस्सों में तेजी से यह कार्य शुरू कराए जाएंगे, ताकि आने वाले दिनों में कई हिस्सों में शेष बचे कार्य पूरे कराए जा सकें।

    बेहतर कार्य का पुरस्कार… कलेेक्टर ने अपर आयुक्त को खिलाई मिठाई
    कल जैसे ही वाटर प्लस में इंदौर शहर का नाम घोषित हुआ तो अधिकारियों में खुशी का माहौल था और सब एक-दूसरे को बधाई दे रहे थे। कल कलेक्टर मनीषसिंह ने निगम केे अपर आयुक्त संदीप सोनी और उनकी टीम को बधाई देते हुए मिठाई खिलाई। इस दौरान निगम के कई आला अधिकारी भी मौजूद थे।


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