नई दिल्ली। नगरोटा में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों की बड़ी साजिश का पर्दाफाश होने के बाद भारत ने सख्ती बढ़ा दी है। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी को तलब किया है। नगरोटा मुठभेड़ में आतंकियों के पास से पाकिस्तान में बनी कई चीजें बरामद हुई थीं। मारे गए सभी चारों आतंकी जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े थे। प्रधानमंत्री मोदी ने मुठभेड़ के बाद एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाकर हालात के बारे में जानकारी हासिल की थी। बाद में उन्होंने सुरक्षा बलों की तारीफ करते हुए कहा कि बहादुर जवानों की सतर्कता से नापाक साजिश विफल हो गई।
आतंकी साजिश नाकाम होने के बाद पीएम मोदी ने अहम बैठक की। इसके बाद उन्होंने कहा था, “पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े 4 आतंकवादियों के मारे जाने और भारी मात्रा में हथियारों और विस्फोटकों की मौजूदगी यह संकेत देती है कि बड़ी तबाही मचाने की उनकी कोशिशों को फिर से विफल कर दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने दूसरे ट्वीट में कहा, “हमारे सुरक्षा बलों ने एक बार फिर अत्यंत बहादुरी और प्रोफेशनलिज्म प्रदर्शित किया है। उनकी सतर्कता ने जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर के लोकतांत्रिक अभ्यासों को निशाना बनाने की एक नापाक साजिश को हराया है।”
जम्मू के आईजी मुकेश कुमार ने कहा, “आतंकियों के इस मूवमेंट के बारे में हमें खास इनपुट मिला था। हमें पता चला था कि ये आतंकवादी आगामी जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनावों में रुकावट डालने की योजना बना रहे थे। इनपुट मिलने के बाद राजमार्ग पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई और वाहनों की पूरी जांच की जा रही है।” उन्होंने कहा कि सुबह 5 बजे के आसपास आतंकियों को ले जा रहे ट्रक को जब रोका गया तो पूछताछ करने पर ड्राइवर अचकचा गया और कूदकर भागने लगा।
पुलिस की टीम पर ट्रक के अंदर से गोली चली और फिर जवाबी कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद के 4 आतंकवादी मारे गए। उनके पास से 11 एके-47 राइफल और 3 पिस्तौल सहित भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है। इस साल जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यह दूसरी ऐसी मुठभेड़ है। इससे पहले जनवरी में 3 आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया था, जब वे इसी तरह ट्रक के अंदर छुपकर जा रहे थे।
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