इंदौर। बिना सोचे-समझे शहर पर थोप दिए बीआरटीएस कॉरिडोर (BRTS corridor) से उत्पन्न समस्याओं से निपटने के लिए अब नित नए प्रयोग खोजे जा रहे हैं। एलिवेटेड ब्रिज (alivated bridge) तो फाइलों पर ही रहा, अब नागपुरी मेट्रो प्रोजेक्ट (nagpuri metro project) सामने आया है, जिसमें बीआरटीएस (BRTS) की जगह डबल डेकर मेट्रो ट्रैक के दावे किए जा रहे हैं। निरंजनपुर (Niranjanpur) से राजीव गांधी चौराहा (Rajiv Gandhi square) और उसके बाद फिर महू तक यह नया मेट्रो प्रोजेक्ट लाया जा सकता है, जिसकी कवायद शुरू की जा रही है। हालांकि 4 से 5 हजार करोड़ के इस नए प्रोजेक्ट की अंतिम मंजूरी केन्द्र सरकार ही देगी। फिलहाल तो सर्वे और डीपीआर (DRP) बनाने का निर्णय लिया गया है। 325 करोड़ रुपए की एलिवेटेड ब्रिज की मंजूर राशि का भी इस्तेमाल इस नए डबल डेकर ट्रैक के निर्माण पर किया जा सकता है। फिलहाल बीआरटीएस कॉरिडोर (BRTS corridor) पर ही इस नागपुरी मेट्रो प्रोजेक्ट (Nagpur metro project) में लगभग डेढ़ हजार करोड़ तक खर्च होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
अभी एयरपोर्ट से एमआर-10 (MR-10) होते हुए शहीद पार्क के पास स्थित मुमताजबाग तक के ट्रैक पर काम चल रहा है, वहीं दूसरे हिस्से में आरवीएल (RVL) को ठेका दिया गया है, जिसमें शहर का मध्य क्षेत्र शामिल रहेगा और राजवाड़ा (Rajwada) से होते हुए एयरपोर्ट तक अंडरग्राउंड मेट्रो ट्रैक (underground metro) कल इसकी समीक्षा मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की एमडी छवि भारद्वाज ने भोपाल से इंदौर आकर की, जिसमें सांसद शंकर लालवानी, कलेक्टर मनीष सिंह, निगमायुक्त प्रतिभा पाल, प्राधिकरण सीईओ विवेक श्रोत्रिय (MP Shankar Lalwani, Collector Manish Singh, Municipal Commissioner Pratibha Pal, Authority CEO Vivek Shrotri) सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। इस बैठक में चल रहे मेट्रो प्रोजेक्ट के अलावा नागपुर के मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के डबल डेकर टियर कॉरिडोर पर भी चर्चा की गई और उसका प्रजेंटेशन भी दिया गया। बीआरटीएस कॉरिडोर, जो कि निरंजनपुर से राजीव गांधी चौराहा तक फिलहाल बना है, उस पर यह डबल डेकर टियर सिस्टम (double decor tiyar system) बनाने क चर्चा हुई और इसकी डीपीआर बनाने का निर्णय भी लिया। नागपुर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के तकनीकी निदेशक महेश दीक्षित (mahesh dixit) ने भी वहां बनाए जा रहे डबल डेकर मेट्रो रेल कॉरिडोर की जानकारी दी। सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि वर्तमान में बनाए जा रहे एयरपोर्ट से खजराना चौराहा तक के मेट्रो ट्रेन ट्रैक में किसी तरह की भी परेशानी नहीं है। इस पूरे ट्रैक पर 17 मेट्रो स्टेशन (metro station) बनाए जाएंगे। सांसद लालवानी ने कहा कि वर्तमान में शहर के मध्य राजबाड़ा क्षेत्र में जहां से मेट्रो ट्रैक प्रस्तावित है, उसके बजाय अगर इसे जवाहर मार्ग तरफ से ले जाया जाता है तो लोगों के लिए ज्यादा उपयोगी होगा, वहीं कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि इंदौर में नागपुर मेट्रो डबल डेकर कॉरिडोर मॉडल की उपयोगिता ज्यादा है। उन्होंने कहा कि अंडर ग्राउंड ट्रेन के बजाय इस तरह के ट्रैक पर लागत कम आएगी, वहीं महाप्रबंधक अनिल जोशी का कहना है कि बीआरटीएस के प्रोजेक्ट को महू तक आसानी से बढ़ाया जा सकेगा।
फिलहाल 26 नवम्बर को मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए मुख्यमंत्री का दौरा नहीं
भोपाल (bhopal) में अभी मुख्यमंत्री (chief minister) ने मेट्रो प्रोजेक्ट के शुभारंभ किए, वहीं 26 नवम्बर को इंदौर बुलाने का भी कार्यक्रम चल रहा था। फिलहाल मुख्यमंत्री 26 नवम्बर को इंदौर नहीं आ रहे हैं, वहीं मेट्रो प्रोजेक्ट के फेज-1 और फेज-2 के काम समयसीमा में पूरे करने के लिए टोपोग्राफी सर्वे प्लान और स्ट्रीट ट्रेवल प्लान पर भी चर्चा की गई। कलेक्टर (collector) के मुताबिक इस प्रोजेक्ट के निर्माण के दौरान शहर की जनता से चर्चा करना भी बेहद जरूरी है, तभी इस प्रोजेक्ट को जनोपयोगी बना पाएंगे। फेज-2 के लिए भूमि निर्धारण हेतु तहसीलदार, आरआई, पटवारी तथा नगर निगम एआरओ और मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट के अधिकारियों के साथ चिन्हित क्षेत्रों का भौतिक सर्वे कर जमीन आवंटित की जाए। इंदौर का मेट्रो प्रोजेक्ट जनसुविधा अनुरूप ही अमल में लाया जाएगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved