नागदा। दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 के तहत प्रावधान किया गया है कि सभी नगरीय निकाय एवं पंचायतीराज संस्थाएं अपने बजट में दिव्यांगों के कल्याणार्थ बजट का वित्तीय प्रावधान करें। इस क्रम में नगर पालिका पहले नंबर पर आई है।
इस कानून के परिपालन में अभी तक मध्य प्रदेश के साथ-साथ देश में कोई भी ऐसी निकाय नहीं है, जिन्होंने दिव्यांगजनों के लिये बजट से पृथक से प्रावधान किया हो। नागदा नगर पालिका ने इस मामले में बाजी मारते हुए वित्तीय वर्ष 2021-22 में दिव्यांगों के कल्याण के लिये पांच लाख रुपये का प्रावधान किया है। इस तरह संभवत: नागदा नगर पालिका देश की प्रथम नगर पालिका बन गई है, जिसने दिव्यांगों के कल्याण के लिये वित्तीय प्रावधान किया है। उक्त जानकारी शुक्रवार को कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में बृहस्पति भवन के सभाकक्ष में आयोजित सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग के अन्तर्गत लोकल लेवल कमेटी की बैठक में दी गई। कलेक्टर ने बैठक में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 के परिपालन में दिव्यांगजन कल्याणार्थ राशि का प्रावधान करने के निर्देश जिले की प्रत्येक जनपद पंचायत, नगर पालिका, नगर परिषद, ग्राम पंचायत को दिये हैं। बैठक में संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय सीएल पंथारी, स्नेह संस्था के संचालक पंकज मारू मौजूद थे। इसी तरह दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 में प्रावधानित है कि दिव्यांगजन अपनी पसन्द के किसी भी निजी स्कूल में किसी भी कक्षा में एडमिशन एक्ट के तहत ले सकते हैं, किन्तु इस सर्कुलर का पालन नहीं हो पा रहा है। जानकारी मिलने पर कलेक्टर ने नवीन शिक्षा सत्र 2021-22 में जिले के दिव्यांग बच्चों को शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत स्वयं के पसन्द के अल्पसंख्यकों के लिये संचालित स्कूल सहित समस्त निजी स्कूलों में नि:शुल्क प्रवेश दिये जाने के निर्देश दिये। इसके अलावा बैठक में अधिनियम के तहत हाई सपोर्ट नीड प्रमाणीकरण हेतु गठित कमेटी का आदेश जिला कार्यालय से जारी करने, संस्था स्नेह के सर्वे में चयनित दिव्यांगजनों के दिव्यांगता प्रमाण-पत्र बनाने बाबत संस्था में प्रमाण-पत्र शिविर आयोजन करने के निर्देश दिये गये। जिले की विभिन्न बैंकों में बौद्धिक दिव्यांग, सीपी, ऑटिज्म एवं बहुदिव्यांग बैंक खाताधारकों के एटीएम जारी करने हेतु बैंकों को निर्देशित करने, राज्य एवं केन्द्र सरकार की दिव्यांगजन कल्याणार्थ जारी पेंशन एवं आर्थिक सहायता राशि का उपयोग दिव्यांगजनों के माता, पिता व संरक्षक द्वारा केवल दिव्यांग के पालन-पोषण और संरक्षण खर्च के साथ-साथ दिव्यांगजनों के लिये भविष्य निधि का प्रावधान किये जाने, जिले के बौद्धिक दिव्यांग एवं बहुदिव्यांग को राष्ट्रीय न्यास की निरामय बीमा योजना में पंजीकरण एवं नवीनीकरण करने हेतु बीमा अंशदान राशि स्वीकृत करने, एलिम्को की एडीप योजना के तहत कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण को जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र के माध्यम से वितरण करने एवं अन्य विषयों पर चर्चा की गई। बैठक में जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र के प्रशासनिक अधिकारी सुनील खुराना, स्वास्थ्य विभाग के मीडिया अधिकारी दिलीप सिरोहिया, एनजीओ एवं अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved