उज्जैन। बीते 5 सालों में जिले की सभी तहसीलों में 64 हजार से ज्यादा नए मतदाता जुड़ गए हैं। इनमें सबसे अधिक मतदाता नागदा-खाचरौद में बढ़े हैं। उज्जैन दक्षिण विधानसभा क्षेत्र इस मामले में दूसरे स्थान पर रही है। जबकि उज्जैन उत्तर विधानसभा क्षेत्र में अन्य विधानसभाओं की तुलना में सबसे कम मतदाता जुड़ पाए हैं। उल्लेखनीय है कि आगामी दिनों में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव होना है। इसके लिए जहाँ एक ओर निर्वाचन आयोग की तैयारियाँ चल रही है, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक दल भी अपने-अपने क्षेत्रों में नए परिसीमन के बाद ग्राम पंचायतों में मतदाताओं की स्थिति तथा नए राजनीतिक समीकरणों की समीक्षा में लग गए हैं। इधर सांख्यिकी विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 5 सालों में जिले की 7 विधानसभाओं में नए मतदाताओं की संख्या में 64 हजार से अधिक का इजाफा हुआ है।
साल 2018 में जिले की सातों विधानसभाओं में कुल 14 लाख 25 हजार 382 मतदाता थे जो इस साल 2022 में बढ़कर 14 लाख 89 हजार 480 तक पहुँच गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा मतदाताओं की संख्या में इजाफा नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में हुआ है। यहाँ साल 2018 में 2 लाख 4 हजार 593 मतदाता थे जो इस साल 2022 में 2 लाख 16 हजार 420 तक पहुँच गए हैं। इस विधानसभा में बीते 5 सालों में 11 हजार 827 मतदाता बढ़ गए हैं। इसी तरह उज्जैन दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में साल 2018 में 2 लाख 42 हजार 737 मतदाता थे जो इस साल 2 लाख 53 हजार 56 तक पहुँच गए हैं। इसमें 5 सालों में 10 हजार 319 नए मतदाता बढ़ गए हैं। इसी तरह महिदपुर विधानसभा में साल 2018 में 1 लाख 93 हजार 717 थे जो अब 2 लाख 3 हजार 355 तक पहुँच गए हैं। तराना में यह संख्या 2018 में 1 लाख 74 हजार 128 थी जो 2022 में 1 लाख 82 हजार 130 हो गई है। घटिया विधानसभा में भी 2018 में 2 लाख 4 हजार 613 मतदाता बढ़कर 2022 में 2 लाख 14 हजार 488 तक पहुँच गए हैं। उज्जैन उत्तर विधानसभा क्षेत्र में 2 लाख 17 हजार 872 मतदाता थे जो इस साल 2 लाख 23 हजार 470 हो गए हैं। यहाँ सबसे कम मतदाता की संख्या बढ़ी है। बडऩगर विधानसभा में 5 साल पहले 1 लाख 87 हजार 722 मतदाता थे जो अब बढ़कर 1 लाख 96 हजार 576 तक पहुँच गए हैं।
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