भोपाल। स्थानीय निकायों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लागू किया गया ई-नगर पालिका सॉफ्टवेयर (e-Municipality Software) ही नगर निगम (Nagar Nigam) की मुसीबत बन गया है। टैक्स (Tax) देने वाले करदाताओं की भी यह सॉफ्टवेयर डबल डिमांड (Software Double Demand) निकाल रहा है। जिन्होंने एडवांस टैक्स जमा करा रखा है, उन पर भी पेनल्टी लगा दी है। एक महीने में 10 से ज्यादा तरह की गड़बड़ी सॉफ्टवेयर (Software)में आ चुकी है।
ई-नगर पालिका सॉफ्टवेयर की गड़बडिय़ों की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं। इससे असिस्टेंट रेवेन्यू ऑफिसर भी परेशान हो चुके हैं। प्रदेशभर से सॉफ्टवेयर नियंत्रणकर्ता अधिकारी के पास शिकायतें पहुंच रही है, लेकिन समाधान नहीं निकला है। राजस्व विभाग के कर्मचारियों को कई बार ट्रेनिंग दी जा चुकी है, बावजूद स्टाफ मान रहा है कि इनका निराकरण सॉफ्टवेयर में सुधार के बाद ही होगा। करीब एक साल से यह सॉफ्टवेयर लागू हुआ है।
खातों से जुड़ी कई तरह की गलती कर रहा सॉफ्टवेयर
संपत्तिकर खातों में डबल डिमांड पोस्ट होती है। ऐसे में जो टैक्स हजार रुपए लगना चाहिए, वह दो हजार रुपए दिख रहा है। उपभोक्ताओं को उसी गणना से संपत्तिकर के नोटिस भी भेजे जा रहे। ज्यादातर खातों में साल 2019-20 व 2020-21 की डिमांड ही नहीं दिखा रहा सॉफ्टवेयर। कई खातों में बिल्डिंग के फ्लोर ही हट गए हैं। इससे संपत्तिकर बाले-बाले कम हो गया है। संपत्तिकर खातों में साल 2019-20 व 2020-21 का सरचार्ज भी गलत दर्ज हो रहा है। संपत्तिकर खातों में नाम, पता, स्पैलिंग सुधार करने पर हिंदी और अंग्रेजी में पूरा फॉर्म भरना पड़ता है। इससे और ज्यादा समय लग रहा। संपत्तिकर खातों में नियमानुसार छूट कैटेगरी जैसे फीमेल ऑनर, सीनियर सिटीजन आदि बिल पर दिखाई नहीं देते। कुछ बिलों में 2020-21 में दी गई छूट अवधि में जमा राशि भी पेनल्टी लगाकर बता रहा है।
धारा 136 के तहत संपत्तिकर खातों में विधवा व पूर्व सैनिकों को छूट देते हैं तो दूसरे सभी टैक्स हट जाते हैं और दो ही टैक्स रसीद में दिखते हैं। संपत्तिकर वसूली के लिए बिल कलेक्टर को रसीद बुक 2020-21 में जारी की गई लेकिन वह रसीदें सिस्टम में 2021-22 की दिखाई दे रही हैं।
इनका कहना है
ई-नगर पालिका में 7 से ज्यादा सॉफ्टवेयर को मिलाकर एक साथ काम शुरू किया है। निकायों को इससे फायदा भी हुआ है, बावजूद कुछ समस्याएं हैं। इनका निराकरण किया जा रहा है। जल्द ही सॉफ्टवेयर अपडेट हो जाएगा। तब तक निकायों से कहा है कि अपने स्तर पर इनका निदान करें।
निकुंज श्रीवास्तव, आयुक्त, नगरीय प्रशासन
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