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    नगर निगम घोटाला : 150 से ज्यादा फाइलें निकलीं बोगस

  • May 03, 2024

    • ठगोरे ठेकेदारों ने कई फर्जी फर्में बनाकर लूटा निगम खजाने को 125 करोड़ तक पहुंच गया महाघोटाला
    • अग्निबाण द्वारा निरंतर उजागर किए जा रहे तथ्य पुलिस और निगम जांच में हो रहे हैं सही साबित

    इंदौर। नगर निगम (Nagar Nigam) का महाघोटाला ( scam) लगातार नई फर्जी फर्मों (bogus firms) के खुलासों के चलते बढ़ता जा रहा है। अभी चार और नई फर्मों की जानकारी अग्निबाण(Agniban) ने उजागर की, जिसे पुलिस ने अपनी जांच में भी शामिल कर लिया है। इनमें दो फर्में निगम के लेखा शाखा के बाबू राजकुमार सालवी की है, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर रखा है। वहीं दो फर्मों की जानकारी ठगोरे ठेकेदार राहुल वडेरा ने दी है, जिसमें क्रिस्टल और ईश्वर फर्म का इस्तेमाल भी निगम खजाने को लूटने और बोगस फाइल बनाकर करोड़ों रुपए कमाने के लिए बनाई। कल पुलिस ने निगम के भगोड़े और इस पूरे महाघोटाले के मास्टरमाइंड अभय राठौर की तलाश में उसके गुलाबबाग स्थित घर पर दबिश दी, वहीं उस पर 10 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर दिया।


    राठौर की पत्नी ने हालांकि पुलिस को यह जानकारी नहीं दी कि उनका पति कहा हैं। बस इतना बताया कि उज्जैन महाकाल दर्शन का बोलकर घर से निकले थे। उल्लेखनीय है कि एमजी रोड थाने पर निगम द्वारा दर्ज करवाई एफआईआर के बाद 5 ठेकेदार फर्मों पर प्रकरण दर्ज कर उनके कर्ताधर्ताओं की गिरफ्तारियां भी की गई। डीसीपी झोन-3 पंकज पांडे के मुताबिक भगोड़े निगम इंजीनियर अभय राठौर के खिलाफ भी 10 हजार का इनाम भी घोषित कर दिया है और पुलिस सरगर्मी से उसकी तलाश में जुटी है। वहीं अभी जो नई फर्जी फर्मों की जानकारी आरोपियों से मिली है उसमें भी एफआईआर दर्ज की जाएगी। दूसरी तरफ निगमायुक्त शिवम वर्मा का कहना है कि जांच रिपोर्ट उन्हें संभवत: आज मिल जाएगी। 188 फाइलों की जांच निगम द्वारा की जा रही है। अभी तक लगभग 150 से अधिक फाइलें बोगस निकली हैं और ठगोरे ठेकेदारों ने अपने मित्रों-रिश्तेदारों के नामों से फर्जी फर्में बनाकर निगम खजाने को लूटा और 107 करोड़ से बढक़र अब यह घोटाला फिलहाल 125 करोड़ तक पहुंच गया है, जिसमें जैसे-जैसे जांच का दायरा बढ़ेगा तो घोटाले का आंकड़ा भी बढ़ सकता है। एमजी रोड थाना प्रभारी विजयसिंह सिसोदिया का भी मानना है कि इन ठेकेदारों ने नई फर्में इसलिए बनाई ताकि उनके बैंक खातों का इस्तेमाल निगम से प्राप्त होने वाली राशि के लिए किया जा सके और 15 से 20 प्रतिशत मुफ्त कमाई के चलते एक तरह से इन फर्मों के खातों को किराए के रूप में इस्तेमाल किया गया और 80 फीसदी राशि का बंटवारा निगम अधिकारियों और अन्य में किया गया। अब देखना यह है कि निगम की जांच रिपोर्ट क्या कहती है?

    मुख्यमंत्री के निर्देश पर आज शाम तक उच्च स्तरीय जांच कमेटी भी
    निगम के महाघोटाले का हल्ला भोपाल तक मचा है और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी इसे गंभीरता से लिया है और उनके निर्देश पर शासन स्तर पर एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी भी गठित की जा रही है, जिसके आदेश आज शाम तक जारी हो जाएंगे। नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त भरत यादव से जब अग्निबाण ने इस बारे में पूछा तो उन्होंने स्वीकार किया कि मुख्यमंत्री के आदेश पर यह उच्च स्तरीय कमेटी गठित की जा रही है और आज शाम तक मीडिया को भी इसके आदेश की जानकारी हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि विभागीय मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की बात कह चुके हैं और महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भी पिछले दिनों इंदौर आए मुख्यमंत्री को इस महाघोटाले की जानकारी देकर जांच की मांग की थी।

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