कोहिमा । नगालैंड सरकार (Nagaland Government) ने ईएनपीओ से (To ENPO) लोकसभा चुनाव का बहिष्कार न करने की (Not to Boycott Lok Sabha Elections) अपील की (Appeals) । नगालैंड सरकार ने शनिवार को ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ईएनपीओ) से अपील की कि वह 19 अप्रैल को एकमात्र लोकसभा सीट के लिए होने वाले चुनाव का बहिष्कार न करे। यह संगठन नगालैंड के छह जिलों को मिलाकर एक अलग प्रशासन या राज्य की मांग कर रहा है।
ईएनपीओ साल 2010 से ही अलग राज्य की मांग कर रहा है। उसका दावा है कि पूर्वी नगालैंड के छह जिलों को वर्षों से उपेक्षित रखा गया है। संगठन ने अपनी मांगों पर दबाव डालने के लिए लोकसभा चुनावों के बहिष्कार की घोषणा की है। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि नगालैंड सरकार के मंत्रिपरिषद ने ईस्टर्न नगालैंड लेजिस्लेटिव यूनियन (ईएनएलयू) के सदस्यों के साथ बैठक की और ईएनपीओ की मांगों और 8 मार्च से चल रहे उसके आंदोलन पर चर्चा की।
बैठक में ईएनएलयू सदस्यों ने राज्य मंत्रिमंडल को अपनी हालिया दिल्ली यात्रा और गुरुवार को तुएनसांग में ईएनपीओ के साथ बैठक के बारे में जानकारी दी। नगालैंड सरकार के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया, संसदीय चुनावों में भागीदारी और राजनीतिक प्रक्रिया के भीतर सभी आवाजों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के मुद्दे पर भी चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि कैबिनेट और ईएनएलयू सदस्यों ने गहन विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से ईएनपीओ से एक ईमानदार अपील करने का फैसला किया, जिसमें आगामी लोकसभा चुनाव से दूर न रहने, बल्कि चुनावों में भाग लेने और अधिक लाभ के लिए लोकतांत्रिक कर्तव्य को पूरा करने का आग्रह किया गया। अधिकारी ने कहा, बैठक में आगे कहा गया कि केंद्र में नई सरकार बनने पर ईएनपीओ की मांगों पर आगे की बातचीत के लिए अनुकूल माहौल बनाया जाएगा।
बीते गुरुवार को तुएनसांग में ईएनएलयू के 20 विधायकों और विभिन्न अन्य संगठनों के साथ बंद कमरे में नौ घंटे समन्वय बैठक करने के बाद ईएनपीओ नेताओं ने राज्य में 19 अप्रैल के लोकसभा चुनावों का बहिष्कार करने का अपना आह्वान दोहराया। ईएनपीओ के एक प्रवक्ता ने यह भी कहा कि नगालैंड के पूर्वी हिस्से में 8 मार्च से शुरू हुआ ‘सार्वजनिक आपातकाल’ जारी रहेगा। नगालैंड में भाजपा संयुक्त जनतांत्रिक गठबंधन सरकार का हिस्सा है। इसने पहले ईएनपीओ से अलग राज्य की उनकी मांग पूरी करने के लिए सरकार के साथ बातचीत करने का आग्रह किया था।
ईएनपीओ ने पिछले साल के विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का आह्वान किया था, लेकिन बाद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आश्वासन के बाद इसे वापस ले लिया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ईएनपीओ की मांगों का अध्ययन करने के लिए पिछले साल तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था और पैनल ने तब से कई बार नगालैंड का दौरा किया है और सभी पक्षों के साथ चर्चा की है।
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