नई दिल्ली । नगालैंड की दज़ुको घाटी में लगी आग मणिपुर के जंगल कॉल कोज़िरि तक पहुंच गई है। पिछले मंगलवार से लगी आग को बुझाने के लिए भारतीय वायुसेना ने दो दिन पहले बांबी बाल्टी से लैस एक हेलीकॉप्टर एमआई-17वी5 भेजा था। आग का फैलाव न रुकने पर अब वायुसेना ने 4 और हेलीकॉप्टर भेजे हैं जो लगातार घाटी में बांबी बाल्टी से पानी का छिड़काव कर रहे हैं। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सहायता भेजने की गुहार लगाई थी जिस पर एनडीआरएफ टीम को वायुसेना के परिवहन विमान सी-130 जे हरक्यूलिस से एयरलिफ्ट करके दज़ुको घाटी पहुंचाया है।
नगालैंड के कोहिमा जिला अंतर्गत दज़ुको वैली में मंगलवार को आग लगी थी, जिससे यहां का प्राकृतिक सौंदर्य आग की लपटों में जलकर राख हो गया है। घाटी का सुंदर प्राकृतिक परिवेश, मौसमी फूल और विभिन्न प्रजाति के प्राकृतिक वन्य पेड़-पौधे पर्यटकों को काफी आकर्षित करते रहे हैं। नगालैंड और मणिपुर की सीमाई इलाके में स्थित जूको वैली को देखने के लिए प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं। मंगलवार को लगी भयावह आग का कारण नहीं पता चल सका है। वर्ष 2018 में भी यहां भयावह आग लगी थी, जिसके चलते वैली को काफी नुकसान हुआ था। नगालैंड प्रदेश आपदा विभाग ने भारतीय वायु सेना से आग बुझाने के लिए मदद की गुहार लगाई। इस पर वायुसेना के पूर्वी वायु कमान मुख्यालय से कोहिमा के पास दजुको घाटी में आग बुझाने के लिए बांबी बाल्टी से लैस हेलीकॉप्टर एमआई-17वी5 भेजा गया।
मणिपुर के मुख्यमंत्री ने भी घाटी में दजुको घाटी की आग को गंभीरता से लेते हुए हवाई सर्वेक्षण भी किया। हवाई सर्वेक्षण के बाद उन्होंने कहा कि आग काफी हद तक फैल गई है और पर्वत श्रृंखला के इस हिस्से पर गंभीर नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि घाटी की आग पहले ही मणिपुर की सबसे ऊंची चोटी को पार कर चुकी है। हवा का बहाव दक्षिणी दिशा में होने पर अब यह आग मणिपुर के सबसे घने जंगल कॉल कोज़िरि तक पहुंच चुकी है। उनका कहना है कि घाटी में जंगल की आग अब बहुत खतरनाक है और इसे माउंट की ओर फैलने से पहले तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। हालांकि अग्निशमन सेवा, वन विभाग के प्रयासों से दज़ुको घाटी की आग शहरी क्षेत्रों में प्रवेश नहीं कर सकी है लेकिन मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से एनडीआरएफ की सहायता मांगी।
मुख्यमंत्री की मांग पर अग्निशमन के लिए एनडीआरएफ टीम के 48 सदस्यों को गुवाहाटी से दीमापुर तक 9 टन सामग्री के साथ वायुसेना के परिवहन विमान सी-130 जे हरक्यूलिस से एयरलिफ्ट करके दज़ुको घाटी पहुंचाया है। वायुसेना ने भी आग की सीमा का आकलन करने के बाद 4 और हेलीकॉप्टर भेजे हैं जो लगातार घाटी में बांबी बाल्टी से पानी का छिड़काव कर रहे हैं। एनडीआरएफ टीम के सदस्य जमीन पर अपना ऑपरेशन चला रहे हैं। मुख्य मंत्री ने आग का प्रसार रोकने और घाटी के गहरे जंगल के हिस्से को बचाने के लिए संबंधित अधिकारियों से मदद मांगी है।
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