भोपाल। नैक निरीक्षण अनिवार्य किए जाने के बाद अब सरकारी और निजी कालेज ने आवेदन करने में लगे है। 120 कालेजों को उच्च शिक्षा विभाग ने चुना है। जहां दिसंबर 2022 तक नैक की पीयर टीम से दौरा करवाया जाएगा। मगर इसे पहले कालेजों को नैक के मापदंड पर खरा उतरने के लिए तैयारी करना है, जिसमें अलग-अलग विश्वविद्यालयों को मदद करने की जिम्मेदारी दी है। अकेले इंदौर के तीन सरकारी कालेजों में छह महीने के भीतर नैक निरीक्षण करने आ सकती है। हालांकि इन कालेजों को एसएसआर भेजने में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय भी मदद करेंगी।
2019 में यूजीसी ने सरकारी और निजी कालेजों को 2022 तक नैक से मूल्यांकन करवाने पर जोर दिया। मगर कोरोना की वजह से यूजीसी ने 2024-25 तक प्रक्रिया पूरी करने को कहा है। समयावधि बढ़ाए जाने से कालेजों ने भी आवेदन करना शुरू कर दिए है। सरकारी कालेज निरीक्षण में अधिक दिलचस्पी इसलिए दिखा रहे है, क्योंकि नैक की ग्रेडिंग पर अनुदान दिया जाएगा। जितनी अच्छी ग्रेड संस्थान को मिलेगी। उतना ही अनुदान केंद्र व राज्य एजेंसियों से आवंटित होगा। ताजा आंकड़ के मुताबिक पूरे प्रदेश में 300 कालेजों ने निरीक्षण के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी, जिसमें सरकारी कालेजों की संख्या ज्यादा है। इन्हीं कालेजों में से विभाग ने 120 कालेजों को पहले दौर में नैक निरीक्षण करवाने के लिए चुना है। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इन कालेजों को 130 बिंदुओं पर सेल्फ स्टडी रिपोर्ट (एसएसआर) बनाने में विश्वविद्यालय मार्गदर्शन देंगा। 700 अंक का एसएसआर है। शेष 300 अंक पीयर टीम के निरीक्षण के बाद दिए जाएंगे। दिसंबर 2022 तक पहले चरण में आने वाले कालेजों में नैक का दौरा करवाया जाएगा।
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