लखनऊ: देश के ज्यादातर हिस्सों में कोरोना के केस पर ब्रेक लग गया लेकिन उत्तर प्रदेश के सामने सेहत के मोर्च पर एक और खतरा आ खड़ा हुआ है. यूपी इससे निपटने की कोशिशों में ही लगा था कि अब जानलेवा बुखार यूपी के अलावा एमपी और बिहार के कई जिलों तक पहुंच गया है. यूपी के फिरोजाबाद में 105 नए बुखार के मरीज अस्पताल में भर्ती हुए तो वहीं मध्य प्रदेश के भोपाल में ही 200 से ज्यादा बच्चे बीमार हैं. वहीं, बिहार के सिर्फ 4 जिलों में ही 400 से ज्यादा बुखार के मरीज मिले हैं.
उत्तर प्रदेश (Utter Pradesh) में इन दिनों बुखार के कहर से कई बच्चों की जान चली गई है. इसका सबसे ज्यादा कहर फिरोजाबाद जिले में देखने को मिला है. इसके अलावा मुरादाबाद, मऊ इटावा और प्रयागराज से भी खबरें सामने आ रही हैं जहां बच्चों की बुखार से मौत हो गई. प्रशासन हालात पर काबू पाने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है. लेकिन यूपी में बढ़ रहे बुखार के मामलों के चलते हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं.
मुरादाबाद में बुखार से बुरा हाल
मुरादाबाद में डेंगू और वायरल बुखार के मरीज सरकारी अस्पतालों के बाहर लाइन लगाए खड़े हैं. इलाज के लिए लंबी लाइन लगी है लेकिन अस्पतालों का आलम ये है कि ओपीडी के बाहर मरीजों और उनके परिवार वालों को घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है. वहीं दूसरी तरफ जिले के सीएमओ एमसी गर्ग का कहना है कि हालात अब हमारे नियंत्रण में है.
कासगंज में अब तक 11 की मौत
कासगंज में भी वायरल बुखार से 6 बच्चों समेत 11 लोगों की मौत हो गई है. जिला प्रशासन ने इस रहस्यमयी बीमारी को खोजने और इस बीमारी से निबटने के लिए स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि जिले में अभी तक कोई भी डेंगू का केस नहीं मिला है.
बागपत में कहर बरपा रहे डेंगू-मलेरिया
बागपत में वायरल फीवर से अब तक 2 बच्चों समेत 5 लोगों की मौत हो गई है. जिससे स्वास्थ्य विभाग और अधिकारियों में हड़कंप मचा मच गया. स्वास्थ्य विभाग के सर्वे में अब भी 100 से अधिक लोग बीमार पाए गए हैं जिनमें 76 लोग वायरल फीवर की चपेट में हैं. बीमार मरीजों के मलेरिया और डेंगू के टेस्ट कराए जा रहे हैं.
जिस इलाके में लोग अधिक बीमार हैं वहां प्रशासन की तरफ से स्वास्थ्य कैम्प भी लगाए जा रहे हैं. जिले में तेजी से फैलते वायरल फीवर को देखते हुए प्रशासन की तरफ से हाउस टू हाउस सर्वे कराया जा रहा है. जिसमें घर-घर जा कर बुखार के मरीजों को देखा जा रहा है.
क्या कहते हैं डॉक्टर?
आस्था हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अभिनव तोमर के मुताबिक, समय से सही उपचार शुरू करके इस बुखार से पूरी तरह बचाव संभव है, लेकिन देरी से इलाज मिलना जानलेवा हो सकता है.
बुखार पर शुरू हुई राजनीति
हालांकि यूपी के लोगों की चिंता करने की बजाय इस मुद्दे पर राज्य में राजनीति हो रही है. यूपी के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना का कहना है कि बुखार के केस बढ़ने के बाद सरकार सतर्क हो गई है, वहीं समाजवादी पार्टी नेता सुनील यादव ने कहा कि मच्छर तबाही मचा रहा है और सरकार तो माफिया चला रहे हैं.
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