यांगून। म्यांमार में लोकतंत्र के पक्ष में आवाज बुलंद करने वालों का दमन जारी है। खबरों के मुताबिक सैन्य शासकों ने संयुक्त राष्ट्र में म्यांमार के राजदूत को निकाल दिया है। एक दिन पहले ही राजदूत ने सेना को सत्ता से हटाने के लिए जिसमें कम से कम सात लोगों की मौत हो गई है जबकि कई घायल हो गए हैं।
मालूम हो कि संयुक्त राष्ट्र में म्यामांर के राजदूत क्याव मो तुन ने अपने मुल्क में हुए सैन्य तख्ता पलट का कड़ा विरोध करते हुए विश्व समुदाय से सेना के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। यही नहीं उन्होंने म्यामांर में लोकतांत्रिक व्यवस्था को तत्काल बहाल करने की आवाज उठाई थी। क्याव मो तुन ने कहा था कि वह आंग सान सू की के नेतृत्व वाली नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के प्रतिनिधि हैं।
संयुक्त राष्ट्र में एक भावनात्मक भाषण में क्यो मो तुन ने कहा था कि किसी भी देश को भी सैन्य शासन के साथ सहयोग नहीं करना चाहिए जब तक कि सेना म्यांमार में लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को वापस सत्ता सौंप न दे। उन्होंने दुनिया के सभी मुल्कों से अपील की थी कि वे सैन्य तख्ता पलट की निंदा करें और सेना के शासन को मान्यता देने से इनकार कर दें। म्यांमार के राजदूत के इस बयान ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा था।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved