नेपीडा: म्यांमार (Myanmar) में विद्रोही गुटों ( rebel groups) ने जुंटा सेना (Junta Army) के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी (biggest victory) जीत का दावा किया है। ये जीत आने वाले समय में देश में जारी गृह युद्ध में निर्णायक साबित हो सकती है। म्यांमार के कई हिस्सों में बीते कुछ समय से भीषण लड़ाई हो रही है। उत्तरी शान राज्य के पहाड़ों में बसे 1,70,000 की आबादी वाले प्रमुख शहर लाशियो (Lashio) के लोगों को लड़ाई की वजह से घर छोड़ना पड़ रहा है। इसकी वजह ये है कि जून के आखिर में शक्तिशाली विद्रोही गुटों ने लाशियो पर कब्जा करने के लिए नए सिरे से आक्रमण किया है और जीत का दावा किया है।
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, 25 जुलाई को जातीय चीनी कोकांग अल्पसंख्यक के विद्रोही बल म्यांमार नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस आर्मी (एमएनडीएए) ने कहा है कि उसने जुंटा के खिलाफ निर्णायक जीत हासिल करते हुए 23 दिनों के ऑपरेशन के बाद लाशियो को कब्जे में ले लिया है। अगर इसकी पुष्टि हो जाती है तो लाशियो पर कब्जा करना तख्तापलट के बाद से प्रतिरोध के लिए सबसे बड़ी जीत होगी और तीन साल से चल रहे गृहयुद्ध में एक महत्वपूर्ण मोड़ होगा।
जुंटा ने कब्जे से किया इनकार
जुंटा के प्रवक्ता मेजर जनरल जॉ मिन टुन ने बार-बार इस बात से इनकार किया है कि शहर और क्षेत्रीय कमान पर कब्जा किया गया है। उन्होंने विद्रोही गुटों के दावों को झूठा प्रचार बताया है। जुंटा ने कहा कि विद्रोही समूह ने सैन्य रणनीतिक ठिकानों के बजाय नागरिक क्षेत्रों को तबाह किया है। एमडीएनएए की ओर से सोशल मीडिया पर वीडियो और तस्वीरे शेयर किए हैं, इनमें उसके सैनिक सेंट्रल लाशियो के रेलवे स्टेशन, जेल, प्रसारण स्टेशन और मुख्य सैन्य बुनियादी ढांचे के भीतर दिख रहे हैं।
एक्सपर्ट का कहना है कि अभी तक स्थिति अस्थिर बनी हुई है और विद्रोही समूह शहर में तेजी से आगे बढ़ रहा है। विद्रोही खासकर शहर के दक्षिण में कई बटालियनों पर कब्जा कर रहा है लेकिन अभी जीत नहीं हुई है और लड़ाई जारी है। ऑस्ट्रेलियाई सामरिक नीति संस्थान के विश्लेषक नाथन रुसर ने कहा है कि लाशियो के बिल्कुल बीच में इस तरह की स्थिति निश्चित रूप से शहर के भीतर महत्वपूर्ण बदलाव की ओर इशारा करती है।
रिपोर्ट के अनुसार विद्रोहियों ने जून के अंत में थ्री ब्रदरहुड एलायंस द्वारा नए सिरे से किए गए हमले के बाद से दर्जनों जुंटा ठिकानों और कई उत्तरी शहरों पर कब्जा कर लिया है, जो कि पीपुल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) के साथ मिलकर लड़ने वाले सशस्त्र समूहों की तिकड़ी है। स्थानीय मीडिया और प्रतिरोध समूहों के अनुसार विद्रोही गठबंधन में एमएनडीएए, तांग नेशनल लिबरेशन आर्मी और अराकान आर्मी शामिल हैं। इन गुटों को चीन की मध्यस्थता से हुए युद्ध विराम के टूटने का फायदा मिला है।
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