नायप्यूडा (Naypyidaw)। ईरान (iran) और उत्तर कोरिया (North Korea) के साथ म्यांमार (Myanmar) फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (financial action task force-FATF) की ‘ब्लैक लिस्ट’ में बना हुआ है. वहीं, यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War:) की पहली बरसी पर रूस को FATF की सदस्यता से बाहर कर दिया गया है। आतंक वित्तपोषण और धन शोधन पर वैश्विक निगरानी संस्था FATF का कहना है कि ये तीन देश उच्च-जोखिम वाले देश हैं और इसलिए इन्हें ‘काली सूची’ में बरकरार रखा गया है।
सिंगापुर के टी राजा कुमार की अध्यक्षता में पेरिस में एफएटीएफ की दूसरी पूर्ण बैठक के बाद जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई. एफएटीएफ (FATF) ने यह भी कहा कि संयुक्त अरब अमीरात (UAE ), तुर्किये, जॉर्डन, दक्षिण अफ्रीका और 20 अन्य देश इसकी ‘निगरानी सूची’ में हैं और उन पर कड़ी नजर रखी जाएगी. याद हो कि पाकिस्तान को पिछले साल अक्टूबर में निगरानी सूची से हटा दिया गया था।
FATF ने की युद्ध की निंदा
पेरिस में हुई एक बैठक में जारी बयान में कहा गया कि यूक्रेन से रूस के युद्ध को एक साल हो चुका है. FATF यूक्रेन में रह रहे लोगों के प्रति गंभीर संवेदना व्यक्त करता है. यूक्रेन में हुए हमले में बिना किसी कारण के मारे गए लोगों और वहां हुए विनाश की हम कड़ी निंदा करते हैं।
ब्लैक और ग्रे लिस्ट में शामिल देशों के साथ होता है ये
बता दें कि ब्लैक और ग्रे सूची में शामिल देशों को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और यूरोपीय संघ (ईयू) से वित्तीय सहायता नहीं मिलती है. निगरानी सूची से हटाए जाने के बाद पाकिस्तान ने अपनी अर्थव्यवस्था के सुधरने की उम्मीद जताई थी. लेकिन आज भी हालत दयनीय हैं, पाकिस्तान मौजूदा समय में भी गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।
एफएटीएफ (FATF) का म्यांमार के बारे में कहना है कि देश को प्रमुख क्षेत्रों में धन शोधन के जोखिमों को दूर करने के लिए अपनी कार्ययोजना को लागू करने पर काम करना जारी रखना चाहिए. FATF का कहना है कि जब तक म्यांमार अपने धन शोधन रोधी उपायों की खामियों का पूरी तरह समाधान नहीं कर लेता, यह इस सूची में बना रहेगा।
एफएटीएफ ने यूएई के लिए कहा कि पिछले साल फरवरी से उसने महत्वपूर्ण प्रगति की है, जब उसने एफएटीएफ के साथ काम करने के लिए एक उच्च-स्तरीय राजनीतिक प्रतिबद्धता जताई थी।
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