यांगून । म्यांमार (Myanmar) में तख्तापलट के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों (Protests) को कुचलने के लिए सेना (Army) ने हिंसक रूप अख्तियार कर लिया है. रविवार को सेना द्वारा की गई फायरिंग में मरने वालों की संख्या बढ़कर 18 हो गई है और कई घायल हुए हैं. म्यांमार की सेना के इस क्रूर कदम की हर तरफ आलोचना हो रही है. संयुक्त राष्ट्र (UN) ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग की घटना को पूरी तरह गलत बताते हुए सेना से बल प्रयोग न करने की अपील की है.
भीड़ को बनाया निशाना
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय की प्रवक्ता रवीना शामदासानी (Ravina Shamdasani) ने एक बयान में कहा कि हम म्यांमार (Myanmar) में प्रदर्शनकारियों पर की गई गोलीबारी की कड़ी निंदा करते हैं और सेना से अपील करते हैं कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर बल प्रयोग करना बंद करे. इससे पहले, रविवार को सेना ने कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसक कार्रवाई की. यांगून के साथ ही डावी, मांडले, म्येइक, बागो और पोकोक्कु में भीड़ को निशाना बनाया गया.
भारत ने यह कहा
इस बीच, भारत (India) ने भी म्यांमार की घटना पर दुःख जाहिर किया है. म्यांमार में भारतीय दूतावास ने बयान जारी कर कहा है कि सभी संयम बरते और बातचीत के जरिए मुद्दे को सुलझाया जाना चाहिए. दूतावास की ओर से कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों की मौत दुखद घटना है. हम मृतकों के परिवारवालों और उनके प्रियजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं. हम सभी से संयम बरतने और शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत के जरिए मुद्दों को सुलझाने का आग्रह करते हैं.
Embassy of India is deeply saddened by loss of lives in Yangon and other cities of Myanmar today. We express our heartfelt condolences to families and loved ones of those deceased. We would urge all to exercise restraint and resolve issues through dialogue in a peaceful manner.
— India in Myanmar (@IndiainMyanmar) February 28, 2021
सैकड़ों को Custody में लिया
ऐसी भी खबर है कि सेना ने देश के अलग-अलग हिस्सों से बड़ी संख्या में लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं, पुलिस ने कई जगहों पर विरोध-प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछारे भी की. सेना पहले ही साफ कर चुकी है कि प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके बावजूद लोग सड़कों पर उतर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि गिरफ्तार नेताओं को रिहा करके चुनी हुई सरकार को सत्ता वापस सौंपी जाए.
किसी की नहीं सुन रही Army
म्यांमार की सेना ने एक फरवरी को तख्तापलट करते हुए आंग सान सूची (Aung San Suu Kyi) सहित सभी प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार लिया था. तब से अब तक उन्हें रिहा नहीं किया गया है. अमेरिका सहित कई देश सूची की रिहाई की मांग कर चुके हैं, लेकिन सेना कुछ भी सुनने को तैयार नहीं. इसी वजह से देश में सेना के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. रविवार को भी बड़ी संख्या में लोगों ने प्रदर्शन किया था और इस दौरान हुई पुलिस फायरिंग में 18 की मौत हो गई. तख्तापलट के बाद से किसी एक दिन में मारे जाने वाले लोगों की यह सबसे बड़ी संख्या है.
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