डेस्क। म्यांमार की एक अदालत ने शुक्रवार को देश की अपदस्थ नेता आंग सान सू की को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाए जाने पर तीन साल के कारावास की सजा सुनाई है। नोबेल पुरस्कार विजेता और म्यांमार के सैन्य शासन के कट्टर विरोधियों में से एक 77 वर्षीय आंग सान सू की ने खुद पर लगे आरोपों को निराधार बताया था। सू की को लोकतंत्र के अहिंसक संघर्ष के लिए नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
2020 में हासिल किया था भारी बहुमत
सू की की पार्टी ने 2020 के आम चुनाव में भारी बहुमत हासिल किया था। सेना ने 1 फरवरी, 2021 को सू की की चुनी हुई सरकार को बेदखल कर सत्ता पर कब्जा किया था। उस दौरान सू की पर कथित तौर पर मतदान में धोखाधड़ी का आरोप लगा था। हालांकि, निर्दलीय चुनाव पर्यवेक्षकों को कोई बड़ी अनियमितता नहीं मिली। इनकी पूर्व सरकार के दो वरिष्ठ सदस्य मामले में सह-प्रतिवादी थे और उन्हें तीन साल की सजा मिली थी।
भ्रष्टाचार के ममले में इसी साल अगस्त माह में सुनाई गई थी सजा
म्यांमार की विशेष अदालत ने इस पहले अगस्त माह में भ्रष्टाचार के मामले में आंग सान सू की को चार मामलों में दोषी पाए जाने पर छह साल जेल की सजा सुनाई थी। उनपर दाव खिन की फाउंडेशन से धन का दुरुपयोग करने का आरोप था। इस फाउंडेशन की स्थापना स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए की गई थी। हलांकि, उस दौरान आंग सान सू ने खुद पर लगे आरोपों को बेतुका बताया था। साथ ही सभी आरोपों से इनकार किया था।
म्यांमार में ब्रिटेन की पूर्व राजदूत और पति को एक साल की कैद
म्यांमार के सैन्य शासन की अदालत ने ब्रिटेन की 2002 से 2006 तक राजदूत रही विकी बोमैन और उनके म्यांमार मूल के पति टिइन लिन को एक साल कैद की सजा सुनाई है। उन्हें विदेशी नागरिक अधिनियम के तहत यह सजा मिली है। देश के स्वतंत्र मीडिया और बीबीसी की म्यांमार शाखा ने भी इसकी पुष्टि की।
मामले पर नजर रख रहे एक राजनयिक ने पहचान नहीं बताने की शर्त पर यह जानकारी दी। म्यांमार सरकार या ब्रिटिश दूतावास ने इसकी पुष्टि नहीं की है। वर्ष 2013 से बोमैन म्यांमार केंद्र पर जिम्मेदार कारोबार समूह चला रही थीं। उनका कहना है कि इसके माध्यम से वह म्यांमार में मानवाधिकार को बढ़ावा देंगी।
बोमैन पर लगाए गए आरोप को सरकार के विरोधियों को सबक सिखाने का हथकंडा माना जा रहा है। अपने यंगून स्थित आवास को छोड़कर पूर्वी-मध्य म्यांमार के शान राज्य में जाकर रहने पर दंपती को 24 अगस्त को गिरफ्तार किया गया। लंदन स्थित ब्रिटेन के विदेश कार्यालय ने कहा, हम बोमैन और उनके परिवार को समर्थन देना जारी रखेंगे।
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