यंगून। सैन्य तख्तापलट (Coup) के बाद से ही प्रदर्शन देख रहे म्यांमार (Myanmar) में हालिया हिंसा में कम से कम 51 लोगों के मारे जाने की खबर है. म्यांमार में तख्तापलट (Coup) बाद से ही बेकाबू हो रहे हालात रविवार को यंगून (Yangon) इलाके में प्रदर्शनकारियों द्वारा एक चाइनीज़ फैक्ट्री (Chinese factory) को आग के हवाले कर देने के बाद और बिगड़ गए. इसके बाद म्यांमार की सेना (Myanmar Army) ने खुलेआम गोलियां बरसाईं(Open firing ), जिसमें 51 प्रदर्शनकारियों की मौत (51 protesters died) हो गई. म्यांमार के एक संगठन के मुताबिक, अभी तक के प्रदर्शन में मारे गए लोगों की संख्या 125 का आंकड़ा पार कर चुकी है. जानकारों की मानें तो अभी म्यांमार में प्रदर्शनकारियों की मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है, क्योंकि अभी भी कई जगह ऐसी हैं, जहां लाशें पड़ी हैं लेकिन उनकी सुध नहीं ली गई है. बीते 6 हफ्ते से जारी प्रदर्शन का ये अबतक का सबसे खतरनाक एक्शन रहा. एक अधिवक्ता समूह ने कहा कि म्यांमार के मुख्य शहर उपनगर में तख्तापलट विरोधी प्रदर्शनकारियों ने चीन (China) वित्तपोषित कारखानों को तबाह कर दिया था.
असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स ने कहा आंग सान सू ची के खिलाफ 1 फरवरी के तख्तापलट के बाद इसे सबसे बड़ा खूनखराबा करार दिया जा सकता है. खबरों के मुताबिक सुरक्षा बलों ने यंगून के हलिंग थारयार इलाके में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोलियां चलाईं. वहीं प्रदर्शन कर रहे लोगों ने भी लाठियों और चाकू का इस्तेमाल किया. सैन्य अधिकारियों ने क्षेत्र में मार्शल लॉ की घोषणा कर दी है. प्रदर्शन कर रहे लोगों का मानना है कि चीन, म्यांमार की जुंता सेना को समर्थन दे रहा है. गौरतलब है कि सर्वोच्च नेता आंग सान सू ची समेत कई नेताओं को गिरफ्तार करने के बाद सेना ने सत्ता अपने हाथ में ले ली थी.
इसके बाद से ही म्यांमार की सड़कों पर प्रदर्शन हो रहे हैं और लोग आंग सान सू की को रिहा करने की मांग कर रहे हैं. हालांकि बीते कुछ दिनों में सेना ने आक्रामक रुख अपनाया है और प्रदर्शनकारियों पर खुलेआम गोलियां चलाई जा रही हैं. साथ ही सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने पर भी एक्शन हो रहा है. जानकारी के मुताबिक अभी तक म्यांमार के प्रदर्शन में कुल 2156 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. म्यांमार में जारी इस खूनी खेल को लेकर दुनिया लगातार चिंता में हैं. रविवार की घटना के बाद ब्रिटिश सरकार ने चिंता व्यक्त की है, तो वहीं संयुक्त राष्ट्र की ओर से भी अपील की गई है कि म्यामांर की सेना को तुरंत सत्ता वापस चुनी हुई सरकार को सौंप देनी चाहिए.
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