नई दिल्ली: असम में राहुल गांधी (Rahul gandhi) की भारत जोड़ो न्याय यात्रा (Jodo Nyay Yatra) के बाद गुवाहटी में 150 से अधिक कांग्रेस और ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) कार्यकर्ता रविवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए. बीजेपी में शामिल होने वाले बड़े नेताओं में पूर्व मंत्री बिस्मिता गोगोई, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष जीबा कांता गोगोई की बेटी, असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अंजन दत्ता की बेटी अंगकिता दत्ता और एएएसयू के पूर्व अध्यक्ष दीपांका कुमार नाथ शामिल हैं.
कांग्रेस नेताओं ने असम भाजपा मुख्यालय में राज्य भाजपा अध्यक्ष भाबेश कलिता और मंत्री पीयूष हजारिका और जयंत मल्ला बरुआ की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए. आपको बता दें कि यह दलबदल कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा मणिपुर से गुजरात भारत जोड़ो न्याय यात्रा के असम की यात्रा के कुछ दिनों बाद हुआ है.
राहुल की असम यात्रा ने बहुत बड़ा प्रभाव डाला
बीजेपी नेता हजारिका ने एक्स पर लिखा कि मुझे यह स्वीकार करना होगा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा ने असम में बहुत बड़ा प्रभाव डाला है. कांग्रेस और AASU के 150 से अधिक नेता आज बीजेपी में शामिल हो रहे हैं.
कांग्रेस नेत्री ने बयां किया दर्द
द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस नेत्री गोगोई ने कहा कि उन्होंने राजनीतिक रंग इसलिए बदल लिया क्योंकि कांग्रेस में महिलाएं अब सुरक्षित नहीं हैं. उन्होंने कहा कि यहां तक कि मेरा ब्लाउज भी कांग्रेस के भीतर चर्चा का विषय बन गया. मैं नाम नहीं ले सकती लेकिन एक कांग्रेस नेता ने कहा कि मैं बीजेपी में शामिल होऊंगा क्योंकि मेरे ब्लाउज पर कमल का फूल है. ऐसी पार्टी के साथ रहने का कोई मतलब नहीं है, जो महिलाओं का सम्मान नहीं करती. उन्होंने प्रदेश में हो रहे विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की सराहना की.
यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली नेत्री ने भी पार्टी छोड़ी
कांग्रेस नेत्री दत्ता जिन्हें 2023 में पार्टी ने निष्कासित कर दिया था क्योंकि उन्होंने युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद कहा था कि कांग्रेस की विचारधारा राहुल गांधी का नाम बदलने तक सीमित हो गई है. उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा उस प्रयास का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस छोड़ने की प्रेरणा तब मिली जब राहुल गांधी ने न्याय के लिए उनकी याचिका को नजरअंदाज कर दिया गया. जब उनकी यात्रा पूर्वी असम में उनके गृहनगर अमगुरी से गुजरी थी.
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