नई दिल्ली। देश में सरसों तेल की कीमतों में आग लगी हुई है. बाजार में इस वक्त एक लीटर सरसों का तेल (Mustard Oil Retail Price) करीब 225 रुपये लीटर है. यही तेल (Mustard Oil Benefits) इस साल की शुरुआत में 130-140 रुपये लीटर बिक रहा था. हालांकि बीते कुछ दिनों में सरसों तेल(Mustard Oil ) को छोड़कर अन्य खाद्य तेलों (Edible Oils Price) के भाव में नरमी देखी गई है.
भाव पर काबू पाने के लिए सरकार ने आयात शुल्क में कटौती(import duty cut) की है, जिसका असर घरेलू बाजार (domestic market) पर पड़ा है. ये तो रही खाद्य तेल की बात लेकिन आज हम सरसों तेल (Mustard Oil ) से जुड़ी एक दूसरी बात करने जा रहे हैं. आपको आश्चर्य होगा कि जिस सरसों तेल (Mustard Oil ) को भारत (India)में सबसे बेहतर खाद्य तेल माना जाता है उस पर अमेरिका में प्रतिबंध(sanctions in america) लगा हुआ है.
दरअसल, सरसों के तेल में काफी मात्रा में मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड (Monounsaturated Fatty Acids) पाया जाता है. यह ओलेइस एसिड (oleic acid), लिनोलेइक एसिड (oleic acid) और इरूकिक एसिड (erucic acid) होता है. वैसे तो हमारे शरीर को मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड की जरूरत होती है. यह एक ऐसा वसा यानी फैट होता है तो शरीर के अंदर मौजूद बुरे वसा (Bad Fat) को कम करता है, लेकिन एफडीए के अनुसार Erucic Acid का ज्यादा इस्तेमाल इंसान के लिए ठीक नहीं है. इसका ज्यादा इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है.
सरसों के तेल में 20 से 40 फीसदी तक Erucic Acid पाया जाता है. जानवरों पर इसको लेकर किए गए परीक्षण में पाया गया है कि इससे उनमें पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और दिल को नुकसान पहुंचता है. भारत सहित पड़ोसी राज्यों पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी बडे़ पैमाने पर सरसों तेल का इस्तेमाल किया जाता है. भारत सरकार ने इस साल 8 जून से सरसों तेल में किसी भी प्रकार के अन्य तेल की मिलावट पर पूरी तरह रोक लगा दी. पहले सरसों तेल में पाम और राइस ब्रांड तेल को मिलाया जाता था. वैसे 1990 में सरकार ने ही सरसों तेल में अन्य खाद्य तेलों को मिलाने की अनुमति दी थी.
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