डेस्क: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रमजान के पवित्र महीने में मुस्लिम युवाओं से रोजा रखने की अपील की. एआईएमआईएम चीफ ओवैसी ने एक्स पर एक क्लिप शेयर किया है, जिसमें उन्होंने कहा, “नौजवानों रोज रखो… आज अगर नौजवानों तुम अपनी जवानी में रोजा नहीं रोखेगे, जब अल्लाह ने तुम्हें इतनी बड़ी दौलत से नवाजा हो. आप अपनी जवानी में नमाज नहीं पढ़ोगे, इबादत नहीं करोगे… कुरान नहीं पढ़ोगे… सच्चाई को नहीं अपनाओगे… झूठ से दूर नहीं रहोगे तो फिर कब करोगे.”
हैदराबाद के मस्जिद चौक पर ओवैसी ने कहा, “मेरी नौजवानों से अपील है कि अगर किसी ने रोजा नहीं शुरू किया है तो वे रोजा रखना शुरू करें. उन्होंने पीएम मोदी के जहां-ए-खुसरो के 25वें संस्करण में शिकरत करने पर भी निशाना साधा. ओवैसी ने कहा, “हैरत की बात है कि पीएम मोदी सूफी कार्यक्रम में चले गए और वहां पर जाकर ज्ञान दे दिए. अगर कोई पीएम मोदी को बता देता कि सूफीवाद क्या है तो वह जहां-ए-खुसरो कार्यक्रम में नहीं जाते. सूफीवाद इस्लाम के अंदर है, इस्लाम के बाहर नहीं है.”
ओवैसी ने युवाओं से अपील करते हुए कहा, “मैं इसलिए कहता हूं कि दीन सीखो. अगर गूगल पर बैठकर दीन सीखोगे तो उसमें रूहानियत नहीं है. अपने मस्जिदों में जाओ, उलमाओं के पास जाओ, वहां बैठकर दीन सीखो.” होली के अवसर पर शुक्रवार (14 मार्च 2025) को घर पर ही नमाज अदा करने संबंधी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान का जिक्र करते हुए ओवैसी ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद-25 धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है.
एआईएमआईएम चीफ ओवैसी ने कहा, “एक मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि जुमे की नमाज घर पर भी पढ़ी जा सकती है. क्या मुझे उनसे धर्म के बारे में सीखना चाहिए? यहां धर्म की स्वतंत्रता है. हम मस्जिद जाएंगे, क्योंकि हमें धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार है.” उन्होंने कहा कि वह धर्म के बारे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से नहीं, बल्कि धार्मिक विद्वानों से सीखेंगे.
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