चतरा। झारखंड में लोकसभा चुनाव से पहले चतरा में मुस्लिम संगठनों ने महागठबंधन को बड़ा झटका दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुस्लिम संगठनों ने लोकसभा चुनावों में महागठबंधन के प्रत्याशी केएन त्रिपाठी के बहिष्कार का ऐलान किया है। इस ऐलान से महागठबंधन और कांग्रेस में हड़कंप मच गया है। आनन-फानन में मुस्लिमों ने शनिवार को बैठक बुलाई, जिसमें महागठबंधन और कांग्रेस के बहिष्कार का फैसला किया गया। आमतौर पर माना जाता है कि अधिकांश मुस्लिम मतदाता बीजेपी के मुकाबले उसकी विपक्षी पार्टियों को तरजीह देते हैं, ऐसे में यह महागठबंधन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
केएन त्रिपाठी के नाम पर मुसलमानों को आपत्ति क्यों?
बता दें कि महागठबंधन और कांग्रेस ने संयुक्त रूप से इस सीट पर केएन त्रिपाठी को चुनावी मैदान में उतारा है। यहां के मुस्लिमों को यही आपत्ति है कि मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र होने के बावजूद भी यहां किसी मुस्लिम प्रत्याशी को चुनावी मैदान में न उतारकर केएन त्रिपाठी पर दांव आजमाया गया, इसलिए मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने आनन फानन में बैठक बुलाकर महागठबंधन और कांग्रेस के प्रत्याशी के बहिष्कार का ऐलान किया। बैठक के दौरान बुद्धिजीवियों ने कहा कि कांग्रेस पार्टी चतरा के मुसलमान को अपनी जागीर समझने की भूल करना छोड़ दे। उन्होंने कहा कि अब मुसलमान पूरी तरह से जाग चुके हैं।
‘हम सिर्फ दरी बिछाने वाले मुसलमान नहीं हैं’
मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में भारतीय जनता पार्टी का भय दिखाकर कांग्रेस पार्टी और महागठबंधन के प्रत्याशी मुसलमानों का वोट नहीं ले पाएंगे। उन्होंने कहा, ‘हम सिर्फ दरी बिछाने वाले मुसलमान नहीं हैं। झारखंड में आदिवासियों के बाद दूसरे नंबर पर हमारी आबादी है। हम 20 प्रतिशत आबादी के साथ कई बार गोड्डा और धनबाद समेत अन्य लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। बावजूद इसके महागठबंधन ने 14 में से किसी एक सीट पर भी मुस्लिम को प्रत्याशी नहीं बनाया, ये दुर्भाग्यपूर्ण है।’ अब देखना है कि महागठबंधन के नेता लोकसभा चुनाव से पहले मुस्लिम संगठनों की नाराजगी दूर कर पाते हैं या नहीं।
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