गाजियाबाद । यति नरसिंहानंद द्वारा पैगंबर मोहम्मद (Prophet Mohammed) के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी (controversial comment) करने को लेकर देशभर के मुस्लिम समुदाय (Muslim Community) गुस्से में हैं। यति नरसिंहानंद (Narsimhanand) पर एक और मुकदमा दर्ज किया गया है। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले और अन्य राज्यों में विरोध प्रदर्शन के बीच कई राजनीतिक पार्टियों ने उनकी तुरंत गिरफ्तारी की मांग की। नरसिंहानंद डासना देवी मंदिर में पीठासीन महंत हैं।
यति नसिंहानंद पर तेलंगाना सहित कई राज्यों में पुलिस ने शिकायतें दर्ज कीं। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को हैदराबाद के पुलिस आयुक्त सीवी आनंद को एक ज्ञापन सौंपकर नरसिंहानंद के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की मांग की।
अधिकारियों ने बताया कि पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित ‘आपत्तिजनक’ टिप्पणी के लिए महाराष्ट्र के अमरावती शहर में नरसिंहानंद के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रही भीड़ की ओर से किये गए पथराव में 21 पुलिसकर्मी घायल हो गए और पुलिस की 10 गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिस ने बताया कि यति नरसिंहानंद के खिलाफ नागपुरी गेट थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। नरसिंहानंद के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं। इनमें दिसंबर 2021 में हरिद्वार में एक सम्मेलन में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने का मामला भी शामिल है और फिलहाल वह जमानत पर बाहर थे।
ओवैसी ने हैदराबाद में कहा कि नरसिंहानंद की जमानत रद्द की जानी चाहिए क्योंकि उन्होंने एक और नफरत फैलाने वाला भाषण देकर अदालत द्वारा निर्धारित शर्तों का उल्लंघन किया है। एआईएमआईएम अध्यक्ष ने संवाददाताओं से कहा कि इस टिप्पणी के लिए अब नरसिंहानंद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। ओवैसी ने कहा कि यति नरसिंहानंद को पहले भी नफरत फैलाने वाले भाषण के सिलसिले में जेल भेजा गया था और उनकी जमानत की शर्तों में से एक यह थी कि उन्हें इस तरह की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। इसलिए उनकी जमानत रद्द की जाए।
प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने यति नरसिंहानंद की गिरफ्तारी की मांग की। संगठन ने कहा कि उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करना पर्याप्त नहीं है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने यहां जारी एक बयान में आरोप लगाया कि नरसिंहानंद ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ असहनीय ईशनिंदा करने वाली टिप्पणी की है। मदनी ने दावा किया कि वीडियो में नरसिंहानंद ने जो बयान दिया है, वह अकथनीय और असहनीय है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद प्रमुख ने इसे राष्ट्रीय अखंडता के लिए खतरा बताया तथा तत्काल कानूनी कार्रवाई की मांग की।
राजस्थान स्थित मुस्लिम प्रोग्रेसिव फेडरेशन के संयोजक अब्दुल सलाम जौहर ने बताया कि इस मामले में जयपुर के अलग-अलग थानों में तीन शिकायतें दर्ज की गई हैं। अजमेर दरगाह के खादिमों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने कहा, “ प्रधानमंत्री और उच्चतम न्यायालय को मामले पर संज्ञान लेना चाहिए। सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और उन पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए। हर बार चुनाव के दौरान इस तरह की आपत्तिजनक टिप्पणियां की जाती हैं।”
कश्मीर में विभिन्न धार्मिक संगठनों के एक समूह मुताहिदा मजलिस उलेमा (एमएमयू) ने महंत नरसिंहानंद की टिप्पणी की निंदा करते हुए तत्काल उनकी गिरफ्तारी की मांग की। मीरवाइज उमर फारूक की अध्यक्षता वाले एमएमयू ने कहा कि इस तरह के ‘ईशनिंदा’ वाले बयान मुसलमानों और धार्मिक हस्तियों व पैगंबर के सम्मान में विश्वास रखने वाले सभी लोगों के लिए पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं।
जम्मू-कश्मीर के जम्मू और राजौरी जिलों में शनिवार को विभिन्न मुस्लिम संगठनों द्वारा विरोध रैलियां निकालीं। अखिल भारतीय अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग परिसंघ के प्रदेश अध्यक्ष आर के कलसोत्रा ने कहा, “हम इस प्रदर्शन में शामिल होकर ‘ईशनिंदा’ वाली टिप्पणियों के खिलाफ अपनी कड़ी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। ” एक अन्य प्रतिभागी जसबीर सिंह ने कहा कि सिख समुदाय घृणा फैलाने वाले की टिप्पणी की कड़ी निंदा करता है। नरसिंहानंद को यूएपीए के तहत तुरंत जेल भेजा जाना चाहिए।
वहीं अमरावती शहर के नागपुरी गेट थाने के बाहर शुक्रवार रात को हुई पथराव की घटना के सिलसिले में 1200 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने उनमें से 26 की पहचान कर ली है। अमरावती के पुलिस आयुक्त नवीन चंद्र रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कुछ संगठनों के सदस्यों सहित भारी भीड़ गाजियाबाद जिले के डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद महाराज के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग को लेकर रात करीब सवा आठ बजे नागपुरी गेट पुलिस थाने पहुंची।’’
उन्होंने बताया कि उस थाने के प्रभारी ने भीड़ से कहा कि उनकी मांग के संबंध में एक प्राथमिकी पहले ही दर्ज की जा चुकी है और जांच जारी है, जिसके बाद भीड़ वापस चली गई। उन्होंने बताया कि पुलिस ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा जारी कर नागपुरी गेट क्षेत्र में पांच या इससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगा दी है।
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