नई दिल्ली: यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता को लेकर कई तरह के तर्क और सुझाव दिए जा रहे हैं, वहीं कई मुस्लिम संगठनों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है. अब केरल के तमाम मुस्लिम संगठन इसके विरोध में एक बड़ी मुहिम चलाने की तैयारी कर रहे हैं. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) और केरल के कई मुस्लिम संगठनों समान विचारधारा वाले संगठनों से देशभर में प्रस्तावित समान नागरिक संहिता का विरोध करने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया.
देशभर में होंगे सेमिनार
इसके अलावा मुस्लिम संगठनों ने इस बात पर भी जोर दिया कि इस पूरे मामले को मुस्लिमों का मुद्दा नहीं बनने दिया जाना चाहिए, क्योंकि इससे पूरे देश की सामाजिक व्यवस्था प्रभावित होगी. उत्तरी केरल के कोझिकोड में आयोजित एक बैठक में कई मुस्लिम संगठनों के नेताओं ने कहा कि इसके लिए आने वाले वक्त में कई सेमिनार आयोजित किए जाएंगे. जिसमें इस समस्या को मुस्लिम केंद्रित नहीं बनाने और इसे लेकर जागरुकता फैलाने का काम किया जाएगा.
सिर्फ मुस्लिमों के ही खिलाफ नहीं यूसीसी
केरल में बैठक करने वाले मुस्लिम संगठनों ने यूसीसी को लेकर एक कोर कमेटी का गठन किया है, जो संसद के मानसून सत्र से पहले देशभर में सेमिनार आयोजित करने की तैयारी कर रही है. द टेलीग्राफ की रिपोर्ट में आईयूएमएल के केरल राज्य अध्यक्ष, सादिक अली शिहाब थंगल के बयान का जिक्र है. जिसमें उन्होंने बताया है कि “कोझिकोड में आयोजित होने वाला मॉडल सेमिनार यूसीसी का विरोध करने वाले हमारे संयुक्त कार्यक्रमों के लिए माहौल तैयार करेगा. इसे मुस्लिमों का मुद्दा बनाने का अभियान चल रहा है, लेकिन इसे ऐसे देखना गलत होगा. क्योंकि ये पूरे समाज को प्रभावित करता है.”
‘इस लड़ाई को कानूनी और राजनीतिक रूप से लड़ें’
शिहाब थंगल ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड सैकड़ों आदिवासी समुदायों को प्रभावित करेगा. जिनकी अपनी सामाजिक-सांस्कृतिक पहचान है. उन्होंने कहा कि ये ऐसा मुद्दा नहीं है, जिसे लेकर सड़कों पर प्रदर्शन किया जाए. इस लड़ाई को कानूनी और राजनीतिक रूप से लड़ा जाना चाहिए. इस मुद्दे पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का भी उन्होंने विरोध किया.
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