डेस्क: गुजरात (Gujarat) में एक महिला (Women) ने अपने पति (Husband) पर रेप (Rape) का आरोप लगाया, जिसे हाई कोर्ट (High Court) ने खारिज कर दिया. पूरा मामला ये है कि भारतीय मूल की न्यूजीलैंड की महिला ने मई 2013 में न्यूजीलैंड में रजिस्टर्ड एक एनआरआई के साथ शादी की थी. महिला ने आरोप लगाया था कि उस शख्स ने अपनी पिछली शादी को छिपाकर उसके साथ जबरन संबंध बनाया. शादी के बाद दोनों अगले छह महीने यानी कि नवंबर 2013 तक साथ रहे और फिर उसका पति भारत लौट आया.
पति के वापस लौटने के बाद भी वह महिला भारत आती रहीं. बाद में उसे पता चला कि उसके पति की पहले भी शादी हो चुकी है और उस वजह से उसने सितंबर 2024 में मामला दर्ज कराया था. इसके बाद उसके पति को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन एक सप्ताह बाद ही उसे जमानत मिल गई. हालांकि इसके बाद भी वे एक-दूसरे से मिलते रहे. एफआईआर में महिला ने कहा कि उसके पति ने नवसारी के एक होटल में उसके साथ रेप किया था.
शख्स के वकील ने कहा कि पुरुष की दूसरी शादी वैध है क्योंकि वह मुस्लिम है और इस वजह से रेप का आरोप अमान्य हो जाता है. महिला के वकील ने इस बात का विरोध किया और तर्क दिया कि चूंकि पीड़िता का उस शख्श के साथ हुआ विवाह अवैध है, इसलिए जब उसने सितंबर 2014 में नवसारी में उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए तो यह आईपीसी की धारा 376 के तहत अपराध का मामला था.
इस पर जस्टिस उमेश त्रिवेदी तथ्य का जिक्र करते हुए कहा, “महिला ने बाद में अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी कर ली और उसे आपराधिक कार्यवाही में कोई दिलचस्पी नहीं थी. उन्होंने न्यूजीलैंड में शादी कर उसे रजिस्टर करवाया और फिर उसके बाद पति-पत्नी की तरह रहने लगे. चाहे वह शादी कानूनी हो या अवैध, लेकिन शारीरिक संबंध सहमति से बनाया गया था.” जज ने कहा कि एफआईआर से जो बात सामने आ रही है उसमें ये है कि महिला को जब यह पता चल गया कि उस शख्स की पहले से शादी हो चुकी है उसके बाद भी वह बीच-बीच में उससे मिलीं और अपने पुराने संबंध जारी रखे.
जज ने कहा, “एफआईआर में दावा किया गया है कि महिला ने बीच-बीच में उस शख्स की वित्तीय सहायता भी की. हालांकि ऐसा है या नहीं इस पर विचार किए बिना यह पूरी तरह से से माना जा सकता है कि वह (महिला) अपने पति के साथ फिर भी रिश्ता रखना चाहती थी, जबकि उसे पता था कि वह पहले एक शादी कर चुका है.”
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