बेंगलुरु। कर्नाटक (Karnataka) में हिजाब को लेकर पैदा हुआ विवाद (Hijab Controversy) खत्म होता नजर नहीं आ रहा। राज्य के कई हिस्सों में कुछ मुस्लिम छात्राएं (Muslim Girls) कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) के अंतरिम आदेश (Interim Order) को मानने को तैयार नहीं और हिजाब (Hijab) पहनकर स्कूल-कालेज (School-college) पहुंच रही हैं। दरअसल, कल हिजाब पहनकर जाने और कालेज के बाहर धरना प्रदर्शन करने के मामले में 15 छात्राओं के खिलाफ केस दर्ज किया और 58 को कालेज से निलंबित कर दिया गया। हाई कोर्ट ने अंतिम फैसला आने तक स्कूल-कालेजों में धार्मिक प्रतीक वाले कपड़ों के पहनने पर रोक लगाई है।
तनाव को देखते हुए दक्षिण कन्नड़ जिला प्रशासन ने स्कूल और कालेज के 200 मीटर दायरे में धारा 144 को 26 फरवरी तक के लिए बढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने कहा है कि इस पूरे विवाद के पीछे बाहरी लोगों का हाथ है। उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही इस मसले को सुलझा लिया जाएगा।
सूचना के मुताबिक तुमकुरु में इंप्रेस गर्ल इंटर कालेज के प्रिंसिपल की शिकायत पर पुलिस ने 15 छात्राओं के खिलाफ केस दर्ज किया है। इनके खिलाफ कालेज परिसर से बाहर प्रदर्शन करने का आरोप है, जबकि वहां धारा 144 लागू थी। वहीं, मेडिकेरी जिले के जूनियर कालेज के प्रिंसिपल विजय ने पुलिस में एक व्यक्ति के खिलाफ जान से मारने की धमकी देने की शिकायत दर्ज कराई है। प्रिंसिपल ने कहा कि उन्होंने छात्राओं को कालेज में हिजाब पहन कर नहीं आने दिया, जिसके बाद उन्हें धमकी दी गई है।
वहीं, शिवमोगा जिले के शिरालकोप्पा में एक सरकारी इंटरमीडिएट कालेज में शनिवार को 58 छात्राएं हिजाब पहनकर पहुंचीं। कालेज प्रशासन ने हाई कोर्ट के अंतरिम आदेश का हवाला देकर उन्हें रोका तो वो कालेज प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करने लगीं। बहुत समझाने पर वो नहीं मानी तो कालेज प्रशासन ने उन्हें निलंबित कर दिया। दावणगेरे जिले के हरिहर में भी एसजेवीपी कालेज में कुछ छात्राएं हिजाब पहनकर पहुंची, जिन्हें कालेज में प्रवेश नहीं दिया गया। छात्राओं से हिजाब उतारकर जाने को कहा गया, लेकिन वो इसके लिए तैयार नहीं हुईं। बेलगावी जिले में हिजाब विवाद के चलते विजय पैरामेडिकल कालेज को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया।
बेल्लारी, कोप्पल, रामनगर इत्यादि जिलों में भी मुस्लिम छात्राएं राज्य सरकार और हाई कोर्ट के अंतरिम आदेश का उल्लंघन कर हिजाब पहनकर स्कूल-कालेज पहुंच रही हैं। हालांकि, किसी को भी हिजाब पहनकर कालेज में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। उडुपी के सरकारी इंटर कालेज के प्रिंसिपल रुद्रे गौडा ने कहा कि छात्राएं कक्षा में जाने से पहले हिजाब उतार देती थीं। पिछले 35 साल से यह व्यवस्था चली आ रही थी। अचानक छात्राएं कक्षा में भी हिजाब पहनकर बैठने की जिद करने लगीं। उन्होंने कहा कि इससे माहौल होने के साथ ही छात्राओं की पढ़ाई भी बाधित हो रही हैं।
राज्य के राजस्व मंत्री आर अशोक कुमार ने कहा कि हिजाब मामले में कांग्रेस का रुख स्पष्ट नहीं है। नेता प्रतिपक्ष सिद्दरमैया जहां हिजाब पर रोक का विरोध कर रहे हैं, वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार खुलकर हिजाब पहनने के पक्ष में नहीं बोल रहे। उन्होंने यह भी कहा कि शिवकुमार कांग्रेस के नेताओं को भी हिजाब के पक्ष में बोलने नहीं दे रहे। तमिलनाडु के मदुरै में स्थानीय निकाय चुनाव में मतदान के दौरान भाजपा एजेंट द्वारा हिजाब पहनी महिला को रोकने पर विवाद हो गया। भाजपा एजेंट का कहना था कि वह हिजाब के चलते महिला को पहचान नहीं पा रहा है। उसने हिजाब उतारने की मांग की, लेकिन दूसरे पक्ष ने इसका विरोध किया। बाद में पीठासीन अधिकारियों ने कहा कि महिला की पहचान की पुष्टि करने के बाद उसे वोट डालने दिया गया और भाजपा एजेंट को बूथ से बाहर भेज दिया गया।
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