नई दिल्ली (New Delhi) । ओडिशा (Odisha) के बालेश्वर (Balasore) में बस चलाते समय ड्राइवर (Driver) को अचानक हार्ट अटैक (heart attack) आ गया। हालांकि अपनी मौत से पहले उसने बस रोक दी। इसके बाद उसने दम तोड़ दिया। घटना के समय बस में 60 लोग सवार थे। अगर ड्राइवर ने समय रहते हिम्मत नहीं दिखाई होती तो बस में सवार लोगों हादसे का शिकार हो सकते थे, उनकी जान भी जा सकती थी।
बस रोकने के बाद हुई मौत
दरअसल, बस ड्राइवर के सीने में तेज दर्द हुआ। उसे एहसास हो गया कि उसे दिल का दौरा पड़ा है। उसने दर्द में भी सवारियों की चिंता थी। समझदारी दिखाते हुए उसने अपनी मौत से पहले कैसे भी करके बस रोक दी। हालांकि इसके बाद वह बेहोश हो गया। फौरन उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस के अनुसार, यह घटना बालेश्वर जिले के पातापुर छक में तड़के हुई। पुलिस ने आगे बताया कि पश्चिम बंगाल से पर्यटकों को लेकर यह बस बालेश्वर जिले के पंचलिंगेश्वर मंदिर जा रही थी। उसी बीच ड्राइवर को दिल का दौरा पड़ा। पुलिस के अनुसार, जैसे ही ड्राइवर को दर्द महसूस हुआ, उसने बस सड़क किनारे खड़ी कर दी और बेहोश हो गया।
ड्राइवर शेख अख्तर की समझदारी से बची 60 यात्रियों की जान
पुलिस के मुताबिक ड्राइवर शेख अख्तर की इस हालत से घबराये यात्रियों ने स्थानीय पुलिस को बुलाया जो उन्हें नजदीकी नीलगिरि उपसंभागीय अस्पताल ले गई। वहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अमित दास नामक एक यात्री ने बताया कि चालक की अचानक तबीयत खराब हो गई और उन्होंने बस रोक दी।
अमित के अनुसार बस को सड़क के किनारे खड़ी करने के तुरंत बाद चालक बेहोश हो गया। स्थानीय लोग और पुलिस उन्हें अस्पताल ले गये जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। यात्रियों एवं स्थानीय लोगों ने चालक की सूझबूझ की प्रशंसा की।
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