डेस्क: हिमाचल प्रदेश में एक मुस्लिम जोड़े ने सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की है. शिमला जिले के रामपुर में इस जोड़े ने ठाकुर सत्य नारायण मंदिर परिसर में शादी की. इस मंदिर को विश्व हिंदू परिषद चलाता है. इतना ही नहीं हिंदू और मुस्लिम दोनों ही समुदाय इस शादी के गवाह भी बने. इस मौके पर मौलवी ने निकाह कराया और वकील भी मौजूद थे. अब ये शादी चर्चा का विषय बनी हुई है.
इस्लामिक जोड़े का मंदिर परिसर में शादी करने का मुख्य उद्देश्य समाज के बीच में रह रहे अलग-अलग धर्मों के लोगों में धार्मिक सौहार्द पैदा करना था. सत्यनारायण मंदिर परिसर में विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) का जिला कार्यालय भी स्थित है. दोनों संगठनों की ओर से सत्यनारायण मंदिर का संचालन किया जाता है.
मंदिर ट्रस्ट रामपुर के महासचिव विनय शर्मा ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि विश्व हिंदू परिषद और आरएसएस पर अक्सर मुस्लिम विरोधी होने के आरोप लगते रहे हैं. इस शादी के जरिए एक मिसाल पेश की गई है कि धर्म हमेशा सबको एक साथ लेकर चलने की प्रेरणा देता है.
दुल्हन के पिता महेंद्र सिंह मलिक ने कहा कि बेटी की शादी रामपुर के सत्यनारायण मंदिर परिसर में हुई. उन्होंने कहा, शादी में मंदिर ट्रस्ट के अलावा, विश्व हिंदू परिषद की ओर से भरपूर सहयोग मिला. उन्होंने कहा कि इस शादी के जरिए रामपुर की जनता ने समाज में भाईचारे का संदेश दिया है. मलिक ने कहा कि दोनों समुदाय के लोगों को किसी को भी गुमराह नहीं करना चाहिए. उनकी बेटी सिविल इंजीनियरिंग में एमटेक और गोल्ड मेडलिस्ट तो दामाद एक सिविल इंजीनियर है.
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