नई दिल्ली(New Delhi) । मध्य पूर्व (Middle East)में युद्ध की आशंकाओं के बीच अब एक मुस्लिम देश (muslim country)ने इजरायल विरोधी टिप्पणियों(opposing comments) के खिलाफ कार्रवाई (action against)कर रहा है। खबर है कि साऊदी अरब ने इजरायल के खिलाफ बयान देने वालों को गिरफ्तार करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। इसे संकेत के तौर पर भी माना जा रहा है कि सऊदी, इजरायल के साथ कूटनीतिक संबंध बनाने का मन बना रहा है (अगर वह फिलिस्तीनी राज्य के प्रतिबद्ध है)। फिलहाल, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब सोशल मीडिया पर इजरायल-हमास युद्ध को लेकर पोस्ट करने वाले नागरिकों को गिरफ्तार किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि रियाद इस बात को लेकर भी चिंतित है कि इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध और ईरानी प्रॉक्सी की तरफ से किए गए हमले मध्य पूर्व को युद्ध की ओर धकेल देंगे।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि हाल ही में एक कंपनी के एग्जीक्यूटिव को हिरासत में लिया गया है। यह कंपनी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के प्लान का हिस्सा है। अधिकारी ने कथित तौर पर गाजा युद्ध को लेकर टिप्पणियां की थीं, जिन्हें भड़काऊ माना जा रहा था।
टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी सरकार के एक सूत्र ने ब्लूमबर्ग को बताया है कि गिरफ्तारियों की वजह ये चिंताएं भी हैं कि ईरान समर्थक प्रभाव देश की सुरक्षा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। हालांकि, 7 अक्टूबर से लेकर अब तक कितनी गिरफ्तारियां की गई हैं, इसका कोई स्पष्ट आंकड़ा नहीं है। फिलिस्तीनी समूह हमास ने इजरायल पर बीते साल 7 अक्टूबर को हमला किया था।
टाइम्स ऑफ इजरायल के अनुसार, सऊदी अरब की तरफ से ऐक्शन ऐसे समय पर हो रहा है, जब अमेरिका, इजरायल के साथ हालात सामान्य करने के लिए रियाद के साथ काम करना जारी रख रहा है। हाल ही में अमेरिकी विदेश सचिव एंटनी ब्लिंकन ने कहा था कि समझौता बनाने की कोशिश में बीते सप्ताह काफी काम किया गया और डील संभवत: पूरी होने के काफी नजदीक है।
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