नई दिल्ली. इजरायली हमले (Israeli attacks) में हिज्बुल्लाह के सुप्रीम लीडर (Hezbollah chief) हसन नसरल्लाह (Hassan Nasrallah) मारे गए हैं. ईरान (Iran) के समर्थन वाले समूह हिज्बुल्लाह के मुखिया की मौत पर पूरा मध्य-पूर्व बंट गया है और कई सुन्नी नेतृत्व वाले देशों ने चुप्पी साध ली है. 32 सालों तक शिया सशस्त्र समूह चलाने वाले नसरल्लाह ने इजरायल और पश्चिमी देशों के अलावा कई क्षेत्रीय दुश्मन भी बना लिए थे. खाड़ी देशों (Gulf countries) और अरब लीग (Arab League) ने 2016 में हिज्बुल्लाह को आतंकवादी संगठन घोषित किया था हालांकि, इस साल की शुरुआत में मुस्लिम लीग ने हिज्बुल्लाह से आतंकवादी संगठन का टैग हटा दिया था.
सुन्नी शासित सऊदी अरब क्या बोला?
क्षेत्र के सबसे शक्तिशाली देशों में से एक सऊदी अरब ने एक बयान में कहा कि वह लेबनान के घटनाक्रम पर चिंतित है और इस पर नजर रख रहा है.
UAE, कतर, बहरीन ने भी साधी चुप्पी
सऊदी अरब की तरह ही सुन्नी शासित देश कतर, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और बहरीन ने नसरल्लाह की हत्या पर पूरी तरह से चुप्पी साध रखी है. यूएई और बहरीन ने 2020 में इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य कर लिया था. बहरीन में 2011 में शिया समुदाय का लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शन हुआ था जिसे सख्ती से दबा दिया गया था.
बहरीन के ईरान समर्थक लुआलुआ टीवी ने हालांकि, एक वीडियो ब्रॉडकास्ट किया है जिसमें छोटे जुलूस निकलते दिखाई दे रहे हैं. इन जुलूसों को लेकर लुआलुआ टीवी ने कहा कि ये जुलूस नसरल्लाह के शोक में निकाले गए थे. चैनल ने बताया कि बहरीन की सरकार ने जुलूस में शामिल लोगों पर हमला किया और उनमें से कुछ को हिरासत में ले लिया.
बहरीन के विपक्ष की वेबसाइट ‘बहरीन मिरर’ ने बताया कि बहरीन की सरकार ने एक शिया मौलवी को हिरासत में भी लिया है. वेबसाइट ने बताया कि शिया मौलवी ने नसरल्लाह के प्रति अपनी संवेदना जताई थी जिसके लिए उन्हें हिरासत में लिया गया.
मिस्र के राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ से एक बयान जारी किया गया है जिसके अनुसार, राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती से फोन पर बात की है. सीसी ने लेबनानी प्रधानमंत्री से कहा कि उनका देश लेबनान की संप्रभुता के किसी भी उल्लंघन को अस्वीकार करता है. हालांकि, उन्होंने नसरल्लाह का उल्लेख नहीं किया.
मिस्र ईरान और उसके सहयोगियों की आलोचना करता रहा है, हालांकि, उसने ईरान के साथ अनौपचारिक संपर्क बनाए रखा है. मिस्र के विदेश मंत्री ने पिछले साल ईरानी अधिकारियों के साथ आधिकारिक बैठकें की थीं.
रविवार को नसरल्लाह की हत्या के बाद पहली बार टेलीविजन पर दिए गए भाषण में, राष्ट्रपति सिसी ने कहा कि क्षेत्र कठिन परिस्थितियों से गुजर रहा है. मिस्र के राष्ट्रपति ने कहा कि मिस्र क्षेत्र की सुरक्षा के लिए अपने स्तर पर हर संभव कोशिश करता है और सभी तरह के मुद्दों से ऐसे डील करता है जिससे क्षेत्र की स्थिरता और सुरक्षा प्रभावित न हो. उन्होंने अपने भाषण में नसरल्लाह का कोई उल्लेख नहीं किया.
वहीं, सीरिया और इराक जैसे क्षेत्र के देशों ने तीन दिन का शोक घोषित किया है.
अरब देशों में ट्रेंड कर रहे नसरुल्लाह
हसन नसरल्लाह का नाम शनिवार से कई अरब देशों में ऑनलाइन ट्रेंड कर रहा है. कुछ लोग उनके निधन पर शोक जता रहे हैं तो वहीं कुछ उनकी आलोचना कर रहे हैं.
खाड़ी देश ओमान के ग्रैंड मुफ्ती शेख अहमद बिन हमद अल-खलीली ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि उनका देश ‘हिजबुल्लाह के महासचिव के निधन से दुखी है. वो तीन दशकों से अधिक समय से इजरायली सरकार के लिए कांटा बने हुए थे.’
इराकी पत्रकार उमर अलजम्मल ने एक्स पर कहा, ‘सीरिया में नसरल्लाह के शिकार लाखों लोग हैं, तो क्या वह मुसलमानों की दया का पात्र है?’
यूएई के पत्रकार सैफ अल-दारेई ने एक्स पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें कुछ लोग जश्न मनाते दिख रहे हैं. पत्रकार का दावा है कि ये सीरिया के इदलिब प्रांत का वीडियो है जहां के लोग नसरल्लाह की मौत पर खुशी जताते दिख रहे हैं.
वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, ‘हिजबुल्लाह ने सीरिया में हमारे भाइयों के साथ वो किया है जितना कि यहूदियों ने भी हमारे साथ नहीं किया.’
सऊदी अरब के कवि अब्दुल लतीफ अल-शेख ने एक्स पर कहा, ‘(नसरुल्लाह की हत्या पर) खुशी मनाना अचानक से शुरू हुई दुश्मनी नहीं है बल्कि ये डर्टी पॉलिटिक्स के प्रति लोगों की स्वाभाविक प्रतिक्रिया है.’
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved