कुपवाड़ा: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के कुपवाड़ा (Kupwara) में हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल सामने आई है. यहां के स्थानीय मुसलमानों के साथ मिलकर कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandit) ने तीतवाल इलाके में LoCके निकट एक छोटे से शारदा मंदिर का पुर्ननिर्माण शुरू कर दिया है. बता दें कि कश्मीरी पंडितों के लिए शारदा पीठ एक पवित्र तीर्थ स्थल है, जो इस समय पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मौजूद है.
तीर्थयात्री 1947 से पहले तीतवाल के रास्ते ही मंदिर में दर्शन करने के लिए जाया करते थे. कश्मीरी पंडित काफी समय से मांग कर रहे हैं कि उन्हें पीओके में श्री शारदा मंदिर के पुर्ननिर्माण की अनुमति दी जाए. श्री शारदा मंदिर की तीर्थयात्रा को शुरू करने के लिए अभियान भी चलाया गया है. इस अभियान की शुरुआत करते हुए सेवा शारदा कमेटी ने मंदिर के पुर्ननिर्माण के साथ ही धर्मशाला का निर्माण भी शुरू किया है.
कश्मीर पंडितों ने इसे ऐतिहासिक मौका बताया है. सेवा शारदा कमेटी के प्रमुख रविंदर पंडिता ने बताया कि तीतवाल में मंदिर निर्माण वाली जगह में पड़ने वाले मार्ग पर वार्षिक छड़ी मुबारक ली जाती थी. यहां के स्थानीय मुस्लिम परिवारों ने मंदिर के निर्माण के लिए जमीन दी थी. इसके बाद शिलान्यास समारोह के बाद किशनगंगा नदी पर जीरो लाइन पर बने पुल पर पवित्र जल विसर्जित किया गया.
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की वक्फ विकास समिति के अध्यक्ष दरक्षान अंद्राबी ने मंदिर की आधारशिला रखी. तीतवाल में श्री शारदा मंदिर के पुनर्निमाण के साथ ही शारदा लिपि और शारदा पीठ के साथ शोध को बढ़ावा देने के लिए एक सेंटर भी बनाया जाएगा.
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