नई दिल्ली । अमेरिकी राष्ट्रपति(us President) डोनाल्ड ट्रंप(donald trump) के रेसिप्रोकल टैरिफ(Reciprocal Tariff) से सिर्फ दुनियाभर में ही कोहराम नहीं मचा(There was no uproar) है बल्कि खुद ट्रंप की टीम में घमासान मचा हुआ है. टैरिफ को लेकर ट्रंप के दो कद्दावर सहयोगी एलॉन मस्क और पीटर नैवारो की बहस चर्चा में है. इसे लेकर अब व्हाइट हाउस ने प्रतिक्रिया दी है. ट्रंप के आर्थिक सलाहकार पीटर नैवारो को सार्वजनिक तौर पर मूर्ख बोलने के बाद जब व्हाइट हाउस की प्रवक्ता से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस दो मर्दों के बीच की बात बताया.
मस्क और नैवारो की इस बहस के असर के बारे में जब व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलिन लैविट से पूछा गया तो उन्होंन कहा कि ये दो शख्स हैं जिनके ट्रेड और टैरिफ को लेकर बिल्कुल अलग विचार हैं. लड़के तो लड़के होते हैं, उन्हें करने दीजिए वो जो करना चाहते हैं. आप लोगों को आभारी होना चाहिए कि हमारी सरकार इतिहास की अब तक की सबसे पारदर्शी सरकार है.
लैविट ने साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप बेहद पारदर्शी तरीके से काम करते हैं. वह सभी की सुनते हैं. उनकी सरकार में अलग-अलग मुद्दों पर लोगों की अलग-अलग राय होती है, जिन्हें सुनने के बाद राष्ट्रपति विचार करते हैं और राष्ट्रहित में सबसे बेहतर फैसला लेते हैं.
मस्क और नैवारो क्यों भिड़े?
टैरिफ का खाका तैयार करने में ट्रंप के ट्रेड सलाहकार पीटर नैवारो (Peter Navarro) की बड़ी भूमिका रही है. राष्ट्रपति ट्रंप के दो भरोसेमंद सहयोगियों DOGE के सर्वेसर्वा एलॉन मस्क और पीटर नैवारो के बीच अनबन चल रही है. दोनों कई बार टैरिफ को लेकर सार्वजनिक तौर पर बहस भी कर चुके हैं.
एक इंटरव्यू में ट्रंप के सहयोगी और उनके प्रशासन के वरिष्ठ सलाहकार पीटर नैवारो ने टैरिफ का समर्थन किया था. नैवारो ने कहा था कि बाजार में तेज गिरावट के बाद उछाल देखने को मिलेगा. ट्रंप के कार्यकाल में डॉव जोंस 50,000 के पायदान को छूने जा रहा है.
नैवारो का यह इंटरव्यू सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ, जिसके बाद मस्क ने सोशल मीडिया पोस्ट कर उन पर निशाना साधते हुए कहा था कि हार्वर्ड से Econ में पीएचडी अच्छी चीज नहीं है, खराब है. बता दें कि नैवारो ने हार्वर्ड से पीएचडी की डिग्री हासिल की है.
इससे पहले भी मस्क ने अमेरिका और यूरोप के बीच में टैरिफ शून्य होने की उम्मीद जताई. उन्होंने कहा था कि मुझे उम्मीद है कि यूरोप और अमेरिका को एक साथ आगे बढ़ना चाहिए. मेरे विचार में जीरो टैरिफ की स्थिति ही बेहतर होगी जिससे यूरोप और उत्तरी अमेरिका के बीच फ्री ट्रेड हो सकेगा. मालूम हो कि ने ट्रंप ने यूरोपीय यूनियन पर 20 फीसदी का टैरिफ लगाया है.
अमेरिका और यूरोप के बीच जीरो टैरिफ के मस्क के बयान पर नैवारो ने कहा कि यह जानना रोचक रहा कि मस्क यूरोप के साथ जीरो टैरिफ जोन की बातें कर रहे हैं. असल में वह समझते ही नहीं है. मुझे लगता है कि एलॉन के लिए यही ठीक रहेगा कि वह कारों की बिक्री को ही समझे. वह यही करते हैं.
बता दें कि ट्रंप ने 2 अप्रैल को लगभग 180 देशों पर रियायती रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया. इसके बाद अमेरिका के शेयर बाजार धड़ाम से गिरे थे. डॉव जोंस, एसएंडपी500 और नैस्डैक में बीते हफ्ते पांच फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखी गई थी. यह 2020 के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में सबसे बड़ी गिरावट थी.
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