अग्रवाल ग्रुप ने किया संगीतमय रामकथा का आयोजन…
कुमार विश्वास ने कहा- ताजमहल नहीं, बिहार के मांझी का पहाड़ तोडऩा असली प्रेम का प्रतीक
इंदौर। नया साल सभी के लिए शुभ और मंगलकारी हो, इसे देखते हुए अग्रवाल ग्रुप ने डॉ कुमार विश्वास की संगीतमय रामकथा ‘अपने-अपने राम’ का आयोजन किया। परसों डॉ विश्वास ने अग्रवाल पब्लिक स्कूल के परिसर में कथा का वाचन किया। उन्होंने कहा कि रामकथा ताली समान है। कलियुग में संशय रूपी पक्षी बैठा है। ये तालियां उस संशय को उड़ा देती हैं। रामकथा में संजीवनी शक्ति है। इसे तो सुनने के बाद भी प्यास नहीं बुझती है। उन्होंने दूसरों के खाने की चिंता करने को हमारी संस्कृति बताया।
रामकथा के दौरान कुमार विश्वास ने ये भी कहा कि ताजमहल को प्रेम का प्रतीक बताया जाता है, लेकिन असली प्रेम का प्रतीक बिहार के मांझी का पहाड़ तोडऩा है। आज का समाज मूल कथानक से भटक रहा है। हमारा गौरवबोध ही चला गया है। उन्होंने मंच से कलियुग की सबसे बड़ी समस्या संशय को बताया। उन्होंने कहा कि संशय व्यवस्थाओं पर है, नेताओं पर है, ग्राहकों पर है और अधिकतर संशय अब तो स्वयं पर है। रामकथा के दौरान उपस्थित लोगों ने रामकथा सुंदर कर्ता री… संशय विहग उडावन हारी…मंगल भवन अमंगल हारी…द्रवहु दशरथ अजर बिहारी…का गान भी किया। इस मौके पर उपस्थित अग्रवाल परिवार के सदस्यों सुशीलादेवी अग्रवाल, संजय अग्रवाल, प्रवीण, पीयूष और प्रशांत अग्रवाल का स्वागत अग्रवाल पब्लिक स्कूल की प्राचार्या निलोफर जहां, चमेलीदेवी पब्लिक स्कूल की प्राचार्या संगीता पोद्दार और निकिता सेठी ने किया।
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