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    नगर निगम चुनाव : शहर के एक दर्जन से अधिक वार्डों में पीने के पानी की समस्या अभी भी है

  • June 09, 2022

    • कई कॉलोनियों में एक दशक बाद भी नहीं पहुँचा नलों का पानी-बोरिंग का पानी इस्तेमाल करने को मजबूर हैं करीब 40 फीसदी आबादी

    उज्जैन। नगर निगम चुनाव की तारीख घोषित होते ही राजनैतिक दल वार्डों में पार्षद प्रत्याशियों की चयन प्रक्रिया में लग गए हैं। शहर के प्रत्येक वार्ड से विभिन्न दलों के दर्जनभर से ज्यादा प्रत्याशी चुनाव लडऩे की मंशा जाहिर कर रहे हैं। इधर शहर के एक दर्जन से ज्यादा वार्डों के मतदाताओं ने भी इस बार पार्षद चुनने का आधार ढूंढ लिया है। इन वार्डों में जनता की मुख्य माँग पीएचई की पाईप लाईन डालने की उठ रही है। साल 2015 में हुए पिछले नगर निगम चुनाव में सभी उम्मीदवारों ने स्थानीय मुद्दों को लेकर वार्ड की जनता से वोट माँगे थे। उस दौरान 54 वार्डों में से 34 में भाजपा के उम्मीदवार जीते थे और 14 वार्डों में कांग्रेस की जीत हुई थी, जबकि 6 वार्डों में निर्दलीय उम्मीदवार विजयी रहे थे। उस दौरान भी चुने गए पार्षदों ने अपने-अपने क्षेत्रों में प्रमुखता से पेयजल समस्या प्राथमिकता से दूर करने के वादे किए थे।



    बावजूद इसके शहर के करीब एक दर्जन वार्ड ऐसे हैं जहां पिछले एक दशक से ज्यादा समय से पीने के पानी की समस्या है। इन क्षेत्रों के नागरिकों ने बताया कि हर बार नगर निगम चुनाव हो या फिर अन्य चुनाव सालों से हमारी मांग है कि क्षेत्र में पीएचई की पाईप लाईन के जरिए जल प्रदाय की व्यवस्था शुरू की जाए। इस बार तो नगर निगम चुनाव में हमारा मुद्दा यही रहेगा। क्षेत्र के लोग उन्हीं उम्मीदवार को पार्षद चुनेंगे जो इस समस्या को प्राथमिकता से दूर करे।

    इन वार्डों में बन रहा मुद्दा
    अग्रिबाण टीम के सर्वे के अनुसार शहर के बढ़ते दायरे के साथ ही कई वार्डों में नई कॉलोनियां विकसित हो रही है। इनमें प्रमुख रूप से पुराने शहर के वार्ड क्रमांक 2, 3, 4, 12 प्रमुख हैं। जबकि अन्य वार्डों में वार्ड 37, 38, 39, 40, 41, 47, 48, 49, 51, 52 एवं 53 वार्ड ऐसे हैं जिनमें पिछले एक दशक में कई कॉलोनियां नई विकसित हुई है। इन वार्डों में रहने वाली लगभग 60 हजार से अधिक आबादी बोरिंग के पानी के भरोसे हैं।

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