उज्जैन। मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बने समय हो चुका है तथा न तो नगर निगम चुनाव की कोई तारीख़ आ रही है और न ही महत्वपूर्ण निगम मंडलों में पदस्थापना की जा रही है। ऐसे में भाजपा के जमीनी और ताक़तवर नेताओं में बेचैनी है।
पिछले एक वर्ष के दौरान कई बार ये कहा गया है कि विकास प्राधिकरण में शीघ्र ही पदस्थापना की जाएगी और अध्यक्ष के लिए भी नाम सामने आए लेकिन सब कुछ बातों में ही रहा। जानकारी मिली है कि सिंधिया गुट विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष पद चाहता है और इसके लिए मामला अटका हुआ है, वहीं दूसरी ओर नगर निगम चुनाव की बात की जाए तो कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए फिलहाल नहीं लगता कि चुनाव होंगे। विधानसभा के उपचुनाव टलने के बाद अब नगर निगम चुनाव पर भी काले बादल मंडराने लगे हैं। भाजपा के तो विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि विधानसभा चुनाव के साथ ही नगर निगम चुनाव प्रदेश में कराए जाएँगे। इस वर्ष इक्कीस में तो चुनाव संपन्न हो संभव नहीं है कि वर्तमान में नगर निगम में बोर्ड नहीं होने से कई कार्य प्रभावित हो रहे हैं। नगर निगम के कई कार्य प्रभावित हो रहे हैं और पिछले डेढ़ वर्ष से लोग चुनाव की तैयारी किए बैठे हैं।
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