जबलपुर। नगर पालिका निगम जबलपुर आयुक्त कार्यालय की ओर से जारी निविदा प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं। मानव संसाधन उपलब्ध कराने से जुड़ी इस निविदा को जारी करने की प्रक्रिया तमाम नियमों को ताक पर रखकर जारी करने की बात की जा रही है। इस बारे में संभाग आयुक्त, महापौर, लेखा अधिकारी, ननिज कार्यालय अधीक्षक को पत्र के माध्यम से शिकायत की गई है।
स्किल्ड डाटा एंट्री ऑपरेटर
मानव संसाधन उपलब्ध कराने हेतु 1 साल के लिए आमंत्रित की गई निविदा पर आपत्ति की गई है। इसमें कुछ बिंदुओं पर आपत्तियों पर निराकरण करने की मांग की गई है। साथ ही आपत्तिकर्ता ने मार्गदर्शन प्रदान करने का निवेदन किया है ताकि बोली लगाने से वंचित निविदाकर्ता इस निविदा में सहभागिता कर सकें।
जेम पोर्टल पर सूचना
संबंधित निविदा गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जेम/त्रद्गरू) पोर्टल पर जारी की गई है। आपत्ति करने वालों का कहना है कि, ऐसी निविदाएं आम तौर पर एमपी टेंडर पोर्टल पर प्रकाशित की जाती हैं। ऐसा इसलिए ताकि अधिक से अधिक निविदाकार इस प्रक्रिया में शामिल हो सकें। ऐसा आरोप लगाया गया है कि, किसी व्यक्ति या संस्था विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए इस निविदा को विभाग द्वारा जेम पोर्टल पर अपलोड किया गया है।
एडिशनल क्वालिफिकेशन डाटा
इस निविदा में एडिशनल क्वालिफिकेशन डाटा अनिवार्यता पर भी आपत्ति जताई गई है। आपत्तिकर्ताओं के अनुसार प्रस्तावित इस शर्त में अनुभव प्रमाण पत्र में 80 फीसदी अनुमानित लागत या दो अनुभव प्रमाण पत्र 50 प्रतिशत कुल अनुमानित लागत के मांगे गए हैं या फिर तीन अनुभव प्रमाण पत्र 40 प्रतिशत कुल अनुमानित लागत की दरकार जताई गई है। आपत्ति करने वालों का कहना है कि यह शर्त मध्य प्रदेश भंडार क्रय नियम के अनुसार नहीं है। उनका मानना है कि इस शर्त से प्रतीत होता है कि यह शर्त किसी विशेष संस्था को लाभ पहुंचाने के लिए दर्ज की गई है। ऐसे में विभाग को टेंडर में से इस शर्त को अलग कर निविदा प्रक्रिया नियमानुसार आयोजित करनी चाहिए।
न्यूनतम वेतन नियमानुसार नहीं
आपत्ति दर्ज की गई है कि निविदा प्रक्रिया में कुशल श्रमिक न्यूनतम वेतन 385 रुपये प्रतिदिन एवं काम 30 दिन प्रदान करना दर्ज है। यह मानक मप्र शासन के श्रम विभाग के मानदंड के अनुरूप नहीं है। इस वेतन को मप्र शासन श्रम विभाग की गाईड लाईन के अनुसार 445 रुपये करने के साथ ही कार्य दिवस 26 दिन प्रस्तावित करने की मांग आपत्तिकर्ताओं द्वारा की गई है, ताकि योग्य निविदाकार निविदा प्रक्रिया में सहभागिता कर सकें। शिकायतकर्ताओं का सवाल है कि, कुल 4 करोड़ 75 लाख 74 हजार रुपये की यह निविदा बगैर सदन की स्वीकृति के कैसे जारी हुई? नियमानुसार इतनी मद की निविदा सदन में प्रस्तुत करना जरूरी है। सदन की सहमति के बाद इतनी बड़ी निविदा जारी की जाती है। सदन में निविदा विवरण को बिना पारित कराए निविदा कैसे जारी की गई इसकी जांच होनी चाहिए।
शुरू होने से पहले खत्म
दरअसल 9 दिसंबर 2022 को जारी निविदा क्रमांक त्रश्वरू/2022/क्च/2836743 की प्रक्रिया पर शिकायतकर्ताओं को आपत्ति है। इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार बोली की शुरुआत होते ही अंत भी हो गया। बिड की ओपनिंग डेट और टाईमिंग 9 जनवरी को शाम साढ़े 4 बजे जबकि एंडिंग डेट और टाईम इसी दिन शाम 4 बजे दर्शाया गया है। टेंडर को जारी करने में दर्शाए गए समय को देखकर स्पष्ट है कि बोली शुरू होने के पहले ही समाप्त हो गई थी।
इनका क्या है कहना
आयुक्त महोदय से चर्चा कर विषय की जांच की जाएगी। यदि इसमें निगम को किसी तरह का आर्थिक नुकसान होना प्रतीत होता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
रिंकू विज, अध्यक्ष, नगर निगम, जबलपुर
यह टेंडर प्रकाश विभाग से संबंधित है। प्रकाश विभाग के इस टेंडर के बारे में मुझे जानकारी नहीं है। हालांकि शिकायत पत्र की प्रतिलिपि मुझे भी प्रेषित की गई है लेकिन मुझे इस टेंडर प्रक्रिया के बारे में बिलकुल संज्ञान नहीं है।
महेश कुमार कोरी
लेखा अधिकारी, नगर निगम जबलपुर
सदन में प्रस्ताव प्रस्तुत किया कि नहीं इस बारे में मैं देखूंगा। टेंडर कमिश्नर ने स्वीकृत किया है।
आरपी मिश्रा जी
अपर आयुक्त, नगर निगम जबलपुर
इस बारे में हमने नगर निगम पालिका कमिश्नर आशीष वशिष्ठ को निविदा से संबंधित प्रपत्र मोबाइल पर उपलब्ध कराकर वस्तु स्थिति जानने का प्रयास किया। ननिज के विभागीय टेलीफोन नंबर एवं मोबाइल पर मैसेज भेजने एवं कई बार कॉलिंग के बावजूद इस महत्वपूर्ण विषय पर हमें निगम आयुक्त की प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई।
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