इन्दौर। नगर निगम अब दूषित पानी वाले हैंडपंप, ट्यूबवेल और कुओं का सर्वे कर वहां चेतावनी वाले बोर्ड लगाएगा, ताकि लोग उस पानी का उपयोग पीने के लिए नहीं कर सकें। इसके अलावा कई क्षेत्रों में नलों से दूषित पानी आने के मामले में भी नर्मदा प्रोजेक्ट के अफसरों को वहां पहुंचकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि खराब पानी से लोग बीमार नहीं हों।
कल निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने जल यंत्रालय, ड्रेनेज विभाग और झोनलों के अधिकारियों को वर्षाकाल के चलते अलग-अलग कार्रवाई के लिए निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत निगम टीमों को ऐसे स्थान ढूंढकर वहां चेतावनी बोर्ड लगाने को कहा गया है, जहां हैंडपंप, ट्यूबवेल और कुओं से दूषित पानी आता है। कई बार लोग जानकारी नहीं होने पर उनका पानी पीने के उपयोग में लेते हैं, जिससे उनके बीमार होने की आशंका बनी रहती है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के साथ-साथ नर्मदा प्रोजेक्ट की टीम ऐसे स्थानों पर साथ जाकर चेतावनी बोर्ड लगाने की कार्रवाई एक-दो दिन में शुरू करेगी। शहर के कई स्थानों पर ट्यूबवेल और बोरिंगों में भी गंदा पानी आने की शिकायतें हैं। कई बार क्षेत्र में नर्मदा लाइन नहीं होने के चलते लोग दूषित पानी पीने को ही मजबूर होते हैं। इसके अलावा शहर के उन क्षेत्रों में कार्रवाई करने को कहा गया है, जहां नलों में नर्मदा का पानी दूषित आ रहा है। ऐसी शिकायतों के मामले में झोनलों पर तैनात नर्मदा प्रोजेक्ट के उपयंत्रियों की टीम वहां पहुंचकर नलों में आ रहे गंदे पानी के कारणों का पता कर उसका निराकरण करेंगे। शहर के अधिकांश क्षेत्रों में नाला टेपिंग के बाद ड्रेनेज लाइनें चोक होने के चलते नलों में गंदा पानी आने की शिकायतें फिर बढ़ गई हैं।
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