- तीन सड़कें, शिप्रा नदी पर दो ब्रिज और अन्य कार्य होंगे-शीघ्र शुरु होंगे निर्माण कार्य
उज्जैन। नगर निगम सीमा से बाहर शहर के आसपास की सटी ग्राम पंचायतें काफी समय से विकास से अछूती हैं। ऐसे में अब नगर निगम को इन क्षेत्रों में भी विकास कराने का जिम्मा सौंपा जाएगा। इसके अंतर्गत केंद्र और राज्य सरकार से 93.9 करोड़ रुपए का अनुदान मिलेगा जिससे सड़क, ब्रिज समेत अन्य काम कराए जाएँगे।
जिले के 6 ब्लाकों में लगभग 609 ग्राम पंचायतें हैं। शासन स्तर से इन पंचायतों को बजट जारी होता है। इस बजट से विकास कार्य होते हैं। जिले में कुछ पंचायतें ऐसी भी हैं जो शहरी क्षेत्र से सटी हुई हैं लेकिन इन पंचायतों में चहुँमुखी विकास के लिए ग्राम निधि का बजट पूरा नहीं हो पाता है। ऐसे में अब नगर निगम ने इन पंचायतों में विकास की तैयारी शुरू कर दी हैं। मास्टर प्लान 2035 के अंतर्गत होने वाले विकास कार्यों में एम.आर. 21 (ग्राम जीवनखेड़ी सिंकदरी मार्ग) का डामरीकरण कर सड़क का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए कुल 38.40 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया गया है। इसके लिए 6.70 करोड़ का केन्द्रीय अनुदान स्वीकृत किया गया है, तथा शेष 31.70 करोड़ की राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी। विकास के दूसरे कार्य में एमआर 4 (सांवेर रोड डी मार्ट के सामने से एम.आर. 21 तक) सीमेंट कांक्रीट सड़क का निर्माण कार्य होना हैं, जो 33.50 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है। उक्त कार्य सम्पादन हेतु सड़क निर्माण के साथ शिप्रा नदी पर ब्रिज निर्माण कार्य भी आवश्यक है, ब्रिज निर्माण कार्य की लम्बाई ब्रिज के एप्रोच रोड को शामिल करते हुए लगभग 375 मीटर है। इसके लिए 10 करोड़ 23 लाख 65 हजार की राशि खर्च की जाएगी। यानी केवल सीमेंट कांक्रीट सड़क का निर्माण कार्य 23.26 करोड़ रुपए में किया जाएगा। तीसरे विकास कार्य के अंतर्गत अंतर्गत जंतर-मंतर सॉलिटेयर होटल से वाकणकर ब्रिज मार्ग होते हुए रिंग रोड तक सीमेंट कांक्रीट सड़क निर्माण कार्य किया जाएगा। यह कार्य 22 करोड़ रुपए की सीमा में स्वीकृत किया गया है। कार्य सम्पादन हेतु सड़क निर्माण के साथ शिप्रा नदी पर सेतु निर्माण कार्य भी आवश्यक है। इसके लिए शासन द्वारा 11 करोड़ 56 लाख 40 हजार की राशि प्रस्तावित की गई हैं। उल्लेखनीय है कि उक्त तीनों कार्य नगर निगम सीमा के बाहर निर्माण हेतु प्रस्तावित होने से कार्य की सैद्धांतिक स्वीकृति मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1956 की धारा 95 के क्रम में निगम परिषद से होना अपेक्षित है। अब इसके लिए तकनीकी तथा प्रशासकीय स्वीकृति के साथ वित्तीय एवं निविदा आमंत्रण की स्वीकृति होना शेष है।