
उज्जैन। सिटी बसें शहर में चलना बंद हो गई है तथा पुराने ठेकेदार का टेंडर निरस्त कर दिया गया था तथा इस मामले में अभी कोई निर्णय नहीं हो पा रहा है। 3 महीने से सिटी बस बंद पड़ी है और 25 बस से नगर निगम के डिपो में खड़ी है। जनता को सुविधा नहीं मिल पा रही है। ठेकेदार अधिकारी और नगर निगम के बीच में मामला झूल रहा है।
इस मामले में बोर्ड के अध्यक्ष महापौर मुकेश टटवाल ने नगर निगम के अधिकारियों और परिवहन विभाग से जाँच करने को कहा था। इस मामले में अधिकारियों के दल ने जाँच पूरी कर लिए लेकिन संबंधित वेंडर ने हाई कोर्ट की शरण ली थी और हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि वेंडर को सुनकर नगर निगम फ्रेश आर्डर जारी करें। निगम उपायुक्त कृतिका भीमावत ने बताया इस मामले में हाई कोर्ट के निर्देश के बाद संबंधित वेंडर को फिर से नोटिस जारी कर दिया जाएगा और उसका जवाब लेकर नए सिरे से आदेश जारी किए जाएँगे और जहाँ तक बात सिटी बस चालू करने की है इसका निर्णय लेना सिटी बस के अध्यक्ष महापौर का अधिकार है, वहाँ फाइल भेज दी जाएगी। निर्णय उनके हाथ में है। नगर निगम सिटी बस को नगर निगम के कर्मचारियों के द्वारा ही फिर से शुरू करने की बात कह चुका है और अब महापौर क्या फैसला लेते हैं यह देखने योग्य होगा। कुल मिलाकर अभी भी सिटी बस चलाने का मामला अधर में लटका पड़ा हुआ है।