इंदौर। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट (smart city project) के तहत एमओजी लाइंस की बड़ी आवासीय इमारतों (residential buildings) को तोडऩे का काम ठेकेदारों को सौंपा गया है। वहीं दूसरी ओर अब सरकारी मकानों को तोडऩे का काम नगर निगम ने अपने स्तर पर शुरू करा दिया है। डी सेक्टर क्षेत्र में 20 से ज्यादा मकान तोड़े जा चुके हैं और यह सिलसिला (continuation) एक माह तक चलेगा।
एमओजी लाइंस क्षेत्र (MOG Lines Area) की जमीन स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए शासन से मिलने के बाद निगम ने वहां तेजी से काम शुरू कराया है। सबसे पहले वहां रहने वाले सरकारी कर्मचारियों (government employees) को अन्य स्थानों पर खाली पड़े पीडब्ल्यूडी और अन्य विभागों (PWD and other departments) के क्वार्टरों में शिफ्ट कराया गया। कई कर्मचारियों ने इस मामले को लेकर न्यायालय की शरण ली थी। न्यायालय के निर्देश (court directions) के बाद उन्हें अन्य स्थानों पर वैकल्पिक तौर पर आवास उपलब्ध कराए जा रहे हैं। अधिकांश लोगों को शिफ्ट किया जा चुका है और वहां परिसर में बनी कई आवासीय इमारतों के खाली होने के बाद उन्हें तोडऩे का काम विभिन्न ठेकेदारों (various contractors) को सौंप दिया गया है।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कार्यपालन यंत्री डीआर लोधी (DR Lodhi) के मुताबिक अब निगम द्वारा अपने स्तर पर ही वहां बने सरकारी मकानों को तोडऩे का काम शुरू किया गया है। कल डी सेक्टर में 20 से ज्यादा मकानों को जेसीबी और पोकलेन की मदद से ढहा दिया गया। अलग-अलग सेक्टरों में 150 से ज्यादा सरकारी आवास हैं, जिन्हें तोडऩे का काम लगातार जारी रहेगा। निगम स्मार्ट सिटी (Nigam Smart City) के तहत उक्त क्षेत्र में आवासीय और व्यावसायिक इकाइयां नए सिरे से बनाने का प्रोजेक्ट तैयार कर चुका है, जिसे पूरा होने में करीब तीन से चार वर्ष का समय लगेगा।
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