- झूलों के ऑनलाइन टेंडर हुए 7 लाख 21 हजार में
- सबसे अधिक रेट पर गया एक झूला-झूलों से हो सकती है 70 लाख की कमाई
- पिछले साल भी नगर निगम ने ऑनलाइन टेंडर से मेले में कमाए थे एक करोड़ रुपए
उज्जैन। 14 नवंबर से लगने वाला कार्तिक मेला नगर निगम के लिए अब फायदे का सौदा हो गया है। पिछले साल से ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया होने के कारण मेले से नगर निगम को आय हो रही है, जबकि पूर्व के वर्षों में जितना खर्चा होता था उतना पैसा भी नगर निगम को नहीं हो मिल पाता था। नगर निगम ने पिछले वर्ष मेले की दुकान एवं झूले ऑनलाइन टेंडर के माध्यम से आवंटित किए थे और इससे नगर निगम को लगभग एक करोड़ रुपए की आय हुई थी। इस बार ऑनलाइन टेंडर का दूसरा वर्ष है और अभी तक झूले के टेंडर हो चुके हैं। झूले के जो टेंडर हुए हैं उसमें कुल 20 झूले के टेंडर आए हैं।
इनमें सबसे अधिक एक झूले के 7 लाख 21 हजार रुपए का टेंडर प्राप्त हुआ है, वहीं कोई भी झूला 3 लाख से कम नहीं बिका है। झूला लगाने की जमीन से ही नगर निगम को लगभग 80 लाख रुपए की आय होने की उम्मीद है, वहीं आज मेले की मीना बाजार, फूड जोन एवं अन्य बाजारों के ऑनलाइन टेंडर खुलने हैं इसके अलावा पार्किंग एवं अन्य ऑनलाइन टेंडर भी नगर निगम द्वारा आज खोले जाएँगे। जिस प्रकार से दुकानों के टेंडर आ रहे हैं, उसको देखकर लगता है कि इस बार नगर निगम पिछली बार की एक करोड़ की कमाई का रिकॉर्ड तोड़ेगा और लगभग डेढ़ करोड़ से अधिक की आय कार्तिक मेले से नगर निगम को हो सकती है। जबकि नगर निगम का मेले का कुल खर्च 70 से 80 लाख रुपए होता है। ऐसे में मेले से लाखों रुपए की कमाई नगर निगम को होगी जबकि पूर्व के वर्षों में जब मेला लगाया जाता था तो मेले का बजट 25 से 30 लाख रुपए होता था और कमाई भी उतनी ही होती थी, इसलिए मेले के आयोजन को नो प्रॉफिट नो लॉस का आयोजन माना जाता था लेकिन ऑनलाइन टेंडर होने से अब नगर निगम का फायदे का सौदा कार्तिक मेला हो रहा है।