उज्जैन। नगर निगम की आय का सबसे बड़ा स्रोत संपत्ति कर है। इस बार संपत्ति कर में आखिरी में वसूली पर जमकर जोर दिया गया। निगम आयुक्त से लेकर सारे अधिकारी इस काम में लगे हुए थे। पूरे वर्षभर में नगर निगम ने 32 करोड़ रुपए से अधिक की वसूली की, जबकि अभी ऑनलाइन वसूली का ऐप बंद पड़ा है।
नगर निगम की संपत्ति कर वसूली का कल वित्तीय वर्ष का अंतिम दिन था और संपत्ति कर जमा करने वालों की भीड़ सभी जोन कार्यालय पर लगी हुई थी। बताया गया कि इस बार ऑनलाइन संपत्ति कर भरने का ऐप अभी भी चालू नहीं हुआ था। इसके चलते करीब एक हफ्ता पहले से नगर निगम के कर्मचारी घर-घर दस्तक दे रहे थे और एक लाख से अधिक राशि के बड़े 150 बकायादार से बार-बार संपर्क करके बकाया राशि भरने के लिए कह रहे थे। इसी का परिणाम निकला कि कल एक ही दिन में एक करोड़ 39 लाख रुपए की राशि वसूल की गई, वहीं पूरे वर्ष भर में 32 करोड़ 95 लाख नगर निगम ने संपत्ति कर के रूप में वसूले हैं, जबकि पिछली बार 38 करोड़ रुपए की वसूली की गई थी जो कि 5 करोड़ 5 लाख अधिक है। इसके पीछे निगम आयुक्त आशीष पाठक का कहना है कि ऑनलाइन पोर्टल जिससे मोबाइल से भी ग्राहक अपना संपत्ति कर भर सकता है वह बंद पड़ा था। इसके बावजूद नगर निगम के कर्मचारी एवं अधिकारियों ने अच्छी मेहनत की। इसका परिणाम निकला कि हम इस बार 33 करोड़ के करीब पहुँच गए। कल रविवार की छुट्टी होने के बावजूद वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन देर रात 10 बजे तक संपत्ति कर वसूली का काम चलता रहा। कर्मचारी सभी जोन में रात्रि में जोड़-घटाव में लगे हुए थे।
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