• img-fluid

    निगमायुक्त को ऑब्जर्वर बनाकर आंध्र भेजा, अब ड्यूटी निरस्त कराने के प्रयास भी

  • April 26, 2024

    • तबादले के पहले चला गया था नाम, बाद में हवा नहीं सके, अब कलेक्टर ने भी आयोग को पत्र लिखकर किया अनुरोध, निगम का कामकाज होगा प्रभावित

    इंदौर। अमूमन मैदानी अधिकारियों की ड्यूटी चुनाव आयोग द्वारा नहीं लगाई जाती है। खासकर कलेक्टर, निगमायुक्त या अन्य महत्वपूर्ण पदों पर पदस्थ अधिकारियों की, लेकिन गलती से निगमायुक्त शिवम वर्मा की चुनाव आयोग ने ड्यूटी लगा दी और ऑब्जर्वर बनाकर उन्हें आंध्रप्रदेश भेज दिया। दो दिन पहले वे इंदौर से रवाना भी हो गए। अब उनकी ड्यूटी कैंसल करवाने के प्रयास चल रहे हैं, क्योंकि निगम का कामकाज तो प्रभावित होगा ही, वहीं चुनावी तैयारियों पर भी इसका असर पड़ेगा। कलेक्टर ने भी ड्यूटी निरस्ती का अनुरोध करते हुए आयोग को पत्र लिखा है। दरअसल, आयोग द्वारा आईएएस और आईपीएस सहित अन्य अधिकारियों की इसी तरह ड्यूटी लगाई जाती है, जो अन्य राज्यों में जाकर ऑब्जर्वर के रूप में चुनाव प्रक्रिया को सम्पन्न करवाते हैं। जैसे इंदौर में भी सामान्य, व्यय और पुलिस प्रेक्षकों के रूप में अन्य राज्यों के ही अधिकारियों को भेजा गया है।

    लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने पर देशभर में पदस्थ अधिकारियों की सूची बनाई जाती है और सभी राज्यों से भी उन अधिकारियों के नाम मांगे जाते हैं। इसमें फिल्ड यानी मैदान में पदस्थ अधिकारियों को छोडक़र जो वल्लभ भवन या अन्य विभागों में पदस्थ रहते हैं अमूमन उन्हीं की ड्यूटी लगाई जाती है। इंदौर निगमायुक्त जो कि पहले यूडीए में पदस्थ थे इसलिए उनका नाम सामान्य प्रशासन विभाग से आयोग को चला गया और इसी बीच उनका तबादला इंदौर निगमायुक्त के रूप में हो गया और उन्होंने आकर अपना कार्यभार भी संभाल लिया। मगर चूंकि आयोग के पास उनका नाम चला गया था और उसके बाद फिर निरस्त नहीं हो पाया। इसके चलते ऑब्जर्वर के रूप में उनकी ड्यूटी लग गई और उन्हें दो दिन पहले आंध्रप्रदेश के लिए रवाना होना पड़ा। चूंकि इंदौर नगर निगम का काम महत्वपूर्ण है।


    आम नागरिकों से लेकर अभी चुनाव से जुड़ी अधिकांश व्यवस्थाएं नगर निगम के ही जिम्मे है। यहां तक कि नेहरू स्टेडियम जहां पर निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी सम्पन्न होगी, वहां की जिम्मेदारी भी निगम के जिम्मे है, तो शहरी क्षेत्र के सभी मतदान केन्द्रों को तैयार करवाने से लेकर अन्य कार्य तो हैं ही, वहीं शहर के नागरिकों से संबंधित अधिकांश समस्याएं भी निगम से ही जुड़ी रहती है। अभी आयुक्त द्वारा लगातार सुबह साफ-सफाई और चल रहे निर्माण कार्यों के अवलोकन के लिए दौरे भी शुरू कर दिए थे, जो बीते दो दिनों से उनकी अनुपस्थिति के चलते बंद हैं। लिहाजा आयोग से ड्यूटी निरस्त करने का अनुरोध शासन के जरिए किया गया है। अब देखना यह है कि आयुक्त की ड्यूटी कब तक निरस्त होती है। दूसरी तरफ नगर निगम में इन दिनों ड्रैनेज घोटाले का भी हल्ला मचा है, जिसकी जांच पुलिस द्वारा शुरू की गई है। उसमें भी आयुक्त द्वारा जांच कमेटी का गठन किया गया है और सुरसा के मुंह की तरह यह घोटाला भी दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। लिहाजा इसके साथ ही अन्य तमाम निगम से जुड़े कामकाज के लिए आयुक्त की मौजूदगी अत्यंत जरूरी है, क्योंकि चुनावी प्रक्रिया महीनेभर तक चलेगी।

    Share:

    अभी तो मैदान में 26 उम्मीदवार, कितने बचेंगे सोमवार को चलेगा पता

    Fri Apr 26 , 2024
    सभी तरह के अवकाशों पर भी लगाया प्रतिबंध, मतदान का प्रतिशत बढ़वाने वाले बीएलओ को करेंगे पुरस्कृत भी इंदौर। कल आखरी दिन तक 26 उम्मीदवारों ने अपने नामांकन फॉर्म जमा कर दिए थे। अब इनमें से मैदान में कितने बचेंगे इसका खुलासा सोमवार को होगा। जब नाम वापसी का अंतिम दिन है। कल अंतिम दिन […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved