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नगर निगम के अधिकारियों के पास समय नहीं सिटी बस चलाने का

September 10, 2020

उज्जैन। अनलॉक-4 के तहत केंद्र सरकार ने भले ही परिवहन के साधनों के लिए नियम के साथ शिथिलता दे दी हो, लेकिन नगर निगम के आला अधिकारियों को अभी भी आम जनता की याद नहीं आ रही है। लोगों का आरोप है कि नगर निगम सरकारी एजेंसी है। ऐसे में वह तो आम आदमी की समस्या जानकर अपनी डिपो में खड़ी बसों को चलवाए, ताकि लोग उज्जैन जिले में आंतरिक आवागमन कर सके। लोगों का कहना है कि वे श्राद्ध पक्ष में पिण्डदान करने भी उज्जैन इसलिए नहीं आ पा रहे हैं, क्योंकि उन्हे साधन उपलब्ध नहीं है।
नगर निगम की उज्जैन सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस कम्पनी लिमिटेड के द्वारा शहर में,अंतर जिला एवं जिले के बाहर के शहरों तक के लिए अपनी सिटी बसों को चलाया जा रहा था। ये बसें कोरोनाकाल के पूर्व ही ठेकेदार की अवधि समाप्त होने पर बंद हो गई थी। कोरोना काल के बाद अब जब सरकार ने यात्री बसों को शर्तो के साथ चलाने की अनुमति दे दी है, नगर निगम अपनी बसों को नहीं चला पा रहा है। गत माह तक निगम अधिकारी यह कहते रहे कि अभी टेंडर नहीं हुए है। जब टेंडर पास हो गया तो उसका एक पखवाड़ा बित जाने पर भी बसें नहीं चल पाई। यह कहा जा रहा है कि बोर्ड की बैठक नहीं हुई है। बैठक होने पर ही बसों को चलाया जा सकेगा। बोर्ड के सीईओ स्वयं निगमायुक्त हैं। 50 बसों को शहर के भीतर, शहर के समीपस्थ तहसीलों एवं जिलों में चलाया जाना है।
मैं जल्द ही बुलवाता हूं बोर्ड की बैठक: निगमायुक्त
निगमायुक्त क्षितिज सिंघल से चर्चा की गई तो उन्होने कहाकि बोर्ड की बैठक नहीं होने से बसों का संचालन प्रारंभ नहीं हो पाया है। शीघ्र ही बैठक बुलाकर निर्णय लेंगे।
मैंने कल ही कहा है: संभागायुक्त
नगर निगम के प्रशासक सह संभागायुक्त आनंद शर्मा से जब चर्चा की गई तो उन्होने कहाकि मैंने कल ही निगमायुक्त को निर्देश दिए हैं कि प्रायवेट बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में नगर निगम अपनी बसों का संचालन करे। ताकि शहर में,तहसीलों में और समीपस्थ जिलों तक लोग यात्रा कर सके।
यह हाल है प्रायवेट बसों का
इस समय शहर में प्रायवेट बसों का संचालन इंदौर को छोड़कर शेष जिलों में बंद ही है। अपनी मांगों को लेकर बस ऑपरेटर्स और शासन के बीच अभी भी तकनीकी असहमती बनी हुई है। इधर उज्जैन से इंदौर के बीच करीब 10 बसों का संचालन हो रहा है। इंदौर तक अप-डाउन करनेवाले लोगों का कहना है कि वापसी में रात्रि के 7 या 8 बज जाते हैं। वहां से बस उपलब्ध नहीं हो पाती है। इसलिए यहां से भी नहीं बैठते हैं। अपने दो पहिया वाहन,कार को शेयर करके काम चला रहे हैं।

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