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    मुंगेर गोलीकांडः भीड़ ने थाना फूंका, SP और DM हटाए गए

  • October 29, 2020

    मुंगेर। बिहार के मुंगेर (Munger) में दशहरा पर मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई फायरिंग में मौत मामले में शासन ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की है। लोगों के रोष को देखते हुए महकमे ने यहां के डीएम और एसपी दोनों को हटा दिया है। इससे पहले गुरुवार सुबह नाराज लोगों ने जिला मुख्यालय स्थित एसपी कार्यालय और एसडीओ आवास में जमकर तोड़फोड़ की। इस दौरान कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। थाने पर पथराव किया गया है।

    एसपी लिपि सिंह की तुलना लोग जनरल डायर से कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि लिपि सिंह बेहद क्रूर किस्म की पुलिस अधिकारी हैं। लोगों का आरोप है कि लिपि सिंह ने जलियांवाला बाग कांड की तरह निहत्थे लोगों पर गोलियां और लाठी चलाने के आदेश दे दिए। मुंगेर जिले की पुलिस अधीक्षक लिपी सिंह नीतीश के विश्वासपात्र माने जाने पूर्व आईएएस अधिकारी एवं जेडीयू के राज्यसभा सदस्य आरसीपी सिंह की नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी की बेटी हैं।

    मूर्ति विसर्जन के दौरान लाठीचार्ज के खिलाफ गुरुवार को लोगों की भीड़ सड़क पर उतर आई। प्रदर्शनकारी 26 अक्टूबर को फायरिंग में एक शख्स की मौत का विरोध कर रहे थे। भीड़ धीरे-धीरे SDO और SP एसपी ऑफिस की तरफ बढ़ गई। इस दौरान भीड़ हिंसक हो गई और उन्होंने तोड़फोड़ शुरू कर दी। आक्रोशित भीड़ ने कुछ वाहनों का आग भी लगा दी।

    बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के दिन बुधवार को मुंगेर की घटना को लेकर विपक्ष ने प्रदेश की नीतीश कुमार सरकार पर जोरदार हमला बोला। उसने सोमवार की रात को देवी दुर्गा की मूर्ति विर्सजन के दौरान हुई झडप में कथित तौर पर पुलिस गोलीबारी में एक युवक की मौत को जलियांवाला बाग जैसी घटना बताया। मुंगेर जिले के कोतवाली थाना अंतर्गत दीन दयाल उपाध्याय चौक पर सोमवार देर रात देवी दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई गोलीबारी और पथराव में एक व्यक्ति की मौत हो गई और सुरक्षाकर्मियों सहित दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए थे।

    स्थानीय लोगों ने पुलिस की गोलीबारी में 20 साल की उम्र के एक युवक की मौत का आरोप लगाया। इस पर मुंगेर के जिलाधिकारी राजेश मीणा ने कहा था कि वह भीड़ के बीच से किसी के द्वारा चलाई गई गोली से मारा गया था। घटना के बाद पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह ने कहा था, ‘कुछ असामाजिक तत्वों ने दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान पथराव किया, जिसमें 20 जवान घायल हो गए। भीड़ की तरफ से भी गोलीबारी की गई जिसमें दुर्भाग्य से एक व्यक्ति की मौत हो गई।’

    घटना के एक कथित वीडियो में सुरक्षाकर्मियों को विसर्जन जुलूस में लोगों के एक समूह पर लाठी चार्ज करते दिखाया गया था। साथ ही सोशल मीडिया पर एक विचलित करने वाली तस्वीर वायरल हुई थी, जिसमें इस घटना में मारा गया व्यक्ति खोपडी के खुले हिस्से के साथ जमीन पर बेसुध पड़ा नजर आ रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार विसर्जन के लिए दुर्गा की मूर्ति ले जाने के दौरान एक बांस के वाहक के टूट जाने के बाद परेशानी शुरू हो गई थी और इसे ठीक करने में समय लग रहा था।

    मूर्ति को ले जाने वाले वाहक की मरम्मती में हुई देरी के कारण अन्य निकाले गए मूर्ति जुलूस रास्ते में फंसे हुए थे। प्रशासन चाहता था कि जुलूस जल्दी से जल्दी निकले क्योंकि सुरक्षाकर्मियों को बुधवार को चुनाव ड्यूटी पर तैनात किया जाना था। इस घटना के बाद जिले में तनाव बढ़ गया है और स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए भारी पुलिस की तैनाती से ऐसा लग रहा है कि मुंगेर जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्रों में बुधवार को हुई मतदान पर इसका असर पड़ा है।

    बेगूसराय जिले में आरसीपी सिंह के बुधवार को पहुंचने पर आक्रोशित पदर्शनकारियों ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। जिले में दूसरे चरण में 3 नवंबर को मतदान है। केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय से बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने मुंगेर की घटना की निंदा करते हुए कहा था कि अधिकारी चाहे कितने भी रसूख वाला हों, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

    आरजेडी, कांग्रेस और तीन वामपंथी दलों के विपक्षी महागठबंधन ने बुधवार सुबह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस घटना में “हाई कोर्ट-निगरानी जांच” की मांग की। विपक्षी महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी के वरिष्ठ नेता उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी से पूछा कि “मुंगेर पुलिस को ‘जनरल डायर’ की तरह काम करने की इजाजत किसने दी।

    इस अवसर पर मौजूद कांग्रेस के महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी शासन में हिंदू धार्मिक जुलूस को निशाना बनाए जाने के लिए इस पार्टी पर कटाक्ष किया । कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने बाद में दिन में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस ने नीतीश कुमार की तुलना, ब्रिटिश सेना के अधिकारी रेजिनाल्ड डायर से की जिन्होंने अमृतसर में सैन्य कार्रवाई की अध्यक्षता की थी। जन अधिकार पार्टी के संस्थापक और मधेपुरा से पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने ट्वीट कर पूछा, ‘मुंगेर की एसपी लिपि सिंह जनरल डायर है तो नरसंहार का मुख्य साजिशकर्ता लार्ड चेम्सफोर्ड कौन है? दुर्गा जी के विसर्जन को गए युवाओं का हत्यारा कौन? नीतीश, नरेंद्र मोदी या बीजेपी-जेडीयू ‘

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