मुंबई । पॉर्न फिल्म रैकेट (Porn Film Racket) में मुंबई क्राइम ब्रांच (Mumbai Crime Branch) ने अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया है लेकिन इस केस का मुख्य सरगना यश ठाकुर अभी भी कानून की गिरफ्त से बाहर है। क्राइम ब्रांच की तरफ से बुधवार को किला कोर्ट में अभिनेत्री गहना वशिष्ठ और कुछ अन्य आरोपियों की जो रिमांड ऐप्लीकेशन सौंपी गई, उसमें लिखा गया है कि इस यश ठाकुर के खिलाफ मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के माधवगंज पुलिस स्टेशन में साल 2020 में आईपीसी (Indian Penal Code) के सेक्शन (Section) 354 (डी), 341, 294 और 506 के तहत FIR दर्ज हुई है।
क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी के अनुसार, हम मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की एफआईआर (FIR) का इनवेस्टिगेशन (Investigation) कर रहे हैं और इस सरगना को लोकेट करने की कोशिश कर रहे हैं। सीनियर इंस्पेक्टर केदारी पवार, लक्ष्मीकांत सालुंखे और धीरज कोली ने फरवरी के प्रथम सप्ताह में मड आइलैंड में पॉर्न फिल्म की लाइव शूटिंग के दौरान इस केस में यास्मीन खान उर्फ रोवा, प्रतिभा नलावडे, मोनू जोशी, भानू ठाकुर और मोहम्मद आतिफ नामक आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
इसके बाद इस केस में अभिनेत्री-मॉडल गहना वशिष्ठ (Gehana Vasisth ), उमेश कामत, शान बनर्जी उर्फ दिपांकर और तनवीर हाशमी पकड़े गए थे। गहना, उमेश, शान और तनवीर की जांच और पूछताछ में इस यश ठाकुर का नाम सामने आया। ऐसा पता चला है कि ये आरोपी यश ठाकुर से मोबाइल (Mobile), वॉट्सऐप चैट्स (Whatsaap Chat), मेल (Mails) से संपर्क में रहते थे। पर इन आरोपियों से यश ठाकुर व्यक्तिगत तौर पर कभी भी मिला नहीं। यश ठाकुर ने इस केस में गिरफ्तार आरोपियों को बता रखा था कि उसके पास विदेशी नागरिकता है।
इस केस में सूरत से गिरफ्तार तनवीर हाशमी नामक आरोपी ने बताया कि वह यश ठाकुर के लिए ही पॉर्न फिल्म (Porn Film) बनाता था। यश ठाकुर का अपना OTT ऐप था। गहना वशिष्ठ ने भी बताया कि वह इस यश ठाकुर से करीब दो साल से संपर्क में थी, लेकिन वह कभी उससे मिली नहीं। ऐसा कहा जाता है कि यश ठाकुर की पॉर्न फिल्मों की शूटिंग (Shooting) मुंबई में मड आइलैंड, गुजरात में सूरत शहर और महाराष्ट्र में लोनावाला में होती थी।
यश ठाकुर किसी फिल्म के लिए अडवांस में 50 प्रतिशत रकम सामने वाले के अकाउंट में ट्रांसफर कर देता था। बाकी 50 प्रतिशत पेमेंट पॉर्न विडियो उस तक पहुंचते ही सामने वाले को मिल जाता था। यश ठाकुर सारा पेमेंट ऑनलाइन करता था, कैश में नहीं। इसलिए इस ऑनलाइन ट्रांजेक्शन ट्रेल (Online Transaction Trail) से ही उसे लोकेट करने की कोशिश हो रही है। जांच अधिकारियों को शक है कि यह यश ठाकुर कोई उर्फ नाम है। इसका असली नाम कोई और है।
सभी गिरफ्तार आरोपियों के बैंक अकाउंट (Bank account) क्राइम ब्रांच ने फ्रीज (Freeze) कर दिए हैं। साल 2019 के बाद के हर ट्रांजेक्शन का इनवेस्टिगेशन किया जा रहा है कि यह पैसा कहां से और किसके द्वारा ट्रांसफर किया गया। इसी ट्रांजेक्शन में एक नाम बार-बार ढूंढा जा रहा है और वह है- यश ठाकुर।
‘गहना को फंसाया गया है’
इस बीच गहना वशिष्ठ के लीगल पब्लिसिस्ट फ्लिन रेमेडियोज़ ने बुधवार को एक बयान जारी किया है और आरोप लगाया है कि गहना को इस केस में गलत फंसाया गया है। उनके अनुसार , उसका एक बड़े बिजनेसमैन के द्वारा ट्रैप लगाया गया है। इस बिजनेसमैन की क्रिकेट बेटिंग में दिलचस्पी है। रेमेडियोज़ के अनुसार, यह बिजनेसमैन चाहता था कि गहना उसकी कंपनी में काम करे, जो अपरोक्ष रूप से ऑनलाइन बेटिंग और गैंम्बलिंग से जुड़ी वेबसाइट थी। गहना ने वहां काम करने से मना कर दिया।
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