नई दिल्ली। बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत (kangana ranaut) आए दिन विवादों में घिरी रहती हैं। वहीं पिछले कुछ दिनों से एक्ट्रेस किसान आंदोनल (farmers protest) के खिलाफ बयान जारी करने की वजह से खबरों में छाई हुई हैं। इसी बीच उनके खिलाफ सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के आरोप दर्ज की गई थी। इस याचिका में कंगना के ट्विटर अकाउंट को सस्पेंड करने की मांग की गई थी।
अब इस पूरे मामले पर मुंबई कोर्ट ने 21 दिसंबर को सुनाई कर दी है। उन्होंने कहा कि कंगना को अपने विचार व्यक्त करने का मौलिक अधिकार है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से भी यह पूछा कि क्या वह साबित कर सकते हैं कि कंगना के ट्वीट उनके मौलिक अधिकार को क्षति हुई है। इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि कंगना की बातों की वजह से उन्हें मानसिक क्षति हुई है। बता दें कि कासिफ ने कंगना के खिलाफ याचिका में उल्लेख किया कि कंगना ने अदालत के लिए ‘पप्पू सेना’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया, जिससे उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची।
ऐसे में अब इस केस की अगली सुनवाई 7 जनवरी को होगी जहां अदालत ने याचिकाकर्ता एडवोकेट अली कासिफ खान देशमुख से 7 जनवरी को होने वाली अगली सुनवाई पर नए सिरे से बहस करने का भी आग्रह किया है। इसके अलावा मुंबई हाई कोर्ट ने अस्पष्ट याचिका को जनहित याचिका में बदलने की भी मांग की है।
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