नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर राणा (Tahavvur Rana) से पूछताछ की. उसे अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया (Extradited from America and brought to India) गया. उसके बाद उसे हिरासत में लिया गया है. सूत्रों के अनुसार, 26/11 हमलों की योजना बनाने में उसकी भूमिका, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ उसके संबंध और आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ उसके संबंध को लेकर खुफिया एजेंसी उससे पूछताछ करेगी.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसके साथ ही एनआईए पहले दौर की पूछताछ में तहव्वुर राणा के परिवार के बैकग्राउंड के बार में भी उससे पूछताछ करेगी. उसके बाद 26/11 हमले को लेकर उसकी भूमिका को लेकर पूछताछ शुरू होगी. पूछताछ को लेकर एक डायरी तैयार की जाएगी और बाद में उसका डिस्कोलजर स्टेटमेंट रिकॉर्ड किया जाएगा. पूछताछ के दौरान यह ख्याल रखा जाएगा कि वह किसी तरह से अपने को नुकसान नहीं पहुंचाए.
64 वर्षीय राणा गुरुवार शाम एक विशेष उड़ान से दिल्ली पहुंचे और एनआईए ने उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया था. देर रात की सुनवाई में, उसे पटियाला हाउस की एक विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया, जिसने 29 अप्रैल तक आतंकवाद निरोधी एजेंसी को उसकी हिरासत की रिमांड प्रदान की. बता दें कि डीआईजी जया रॉय के नेतृत्व में एनआईए अधिकारियों की 12 सदस्यीय टीम, जिन्होंने तहव्वुर राणा के अमेरिका से प्रत्यर्पण को सुरक्षित करने में प्रमुख भूमिका निभाई थी, को पूछताछ का काम सौंपा गया है.
इस हिरासत अवधि के दौरान, एनआईए ने राणा से व्यापक पूछताछ करने की योजना बनाई है, ताकि उस साजिश की पूरी सीमा को स्पष्ट किया जा सके. जांचकर्ता यह भी जानकारी मांगेंगे कि राणा को कौन फंड कर रहा था, स्लीपर सेल से उसके संबंध और उसके व्यापारिक सहयोगियों की पहचान क्या है? उसे किन लोगों ने आर्थिक रूप से मदद की थी.
एनआईए ने 20 दिन की रिमांड मांगी और कहा कि 26 नवंबर, 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 गुर्गों द्वारा किए गए समन्वित हमलों के पीछे की साजिश के पूरे दायरे को उजागर करने के लिए राणा की हिरासत में पूछताछ महत्वपूर्ण है. अपनी दलील में एजेंसी ने हिरासत के लिए अपनी दलील का समर्थन करने के लिए ईमेल रिकॉर्ड सहित पुख्ता सबूतों का हवाला दिया. हालांकि, अदालत ने 18 दिनों की हिरासत मंजूर कर ली. इसने राणा से यह भी पूछा कि क्या वह वकील नियुक्त करना चाहता है या अदालत द्वारा नियुक्त कानूनी सहायता लेना चाहता है.
राणा को एनआईए मुख्यालय में एक उच्च सुरक्षा वाले लॉकअप में रखा गया है, जिसकी निगरानी सीसीटीवी कैमरों से की जा रही है. 14×14 सेल में भोजन और अन्य प्रावधानों की व्यवस्था की जा रही है. चौबीसों घंटे सुरक्षा गार्ड जैसी विशेष सावधानियां बरती गई हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पूछताछ से बचने के लिए वह खुद को नुकसान न पहुंचाए. हिरासत में पूछताछ समाप्त होने के बाद, राणा को दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा जाएगा, जहां उसके आने की आशंका के चलते कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
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