नागदा/उज्जैन। जिले के नागदा में संचालित बहुराष्ट्रीय कंपनी लैंक्सेस सुप्रीम कोर्ट (LANXESS Supreme Court operates in Nagda) में विचाराधीन एक प्रकरण से संबधित करोड़ों की संपत्ति को किराए लेने पर कानून के मकडज़ाल में उलझती नजर आ रही है। जिस संपत्ति को लेकर मप्र शासन एवं बिड़ला घराना की ग्रेसिम कंपनी के बीच स्वामित्व को लेकर विवाद चल रहा है, उस भूमि पर बनी आलीशान कोठियों को लैक्सेंस ने किराए पर ले रखा है। इस मामले की एक शिकायत के बाद मंगलवार को नपा सीएमओ ने लैंक्सेस प्रबंधन को नोटिस जारी किया है। यह शिकायत एसडीएम (SDM) नागदा की चौखट पर भी पहुंची थी। सीएमओ ने की पुष्टि
हिन्दुस्थान समाचार संवाददाता से बातचीत में सीएमओ (CMO) भविष्य कुमार खोब्रागड़े ने इस बात की पुष्टि की हैकि लैंक्सेस (LANXESS) प्रबंधन को नोटिस जारी किया है। सीएमओं के अनुसार इस मामले में अभिषेक चौरसिया निवासी नागदा की शिकायत प्राप्त हुई थी। इसलिए प्रबंधक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जिसमें बिना अनुमति के भवनों में अल्टरेशन करने का भी जवाब मांगा गया है। भवनों पर कब्जा करने की बात भी शिकायत में शािमल है।
यह है मामला
सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका क्रमांक एसएलपी सी 15837 मप्र शासन ने वर्ष 2019 में दायर की है। याचिका में पिटीशन मप्र शासन के प्रिसिपल सेक्रटरी भोपाल, कलेक्टर उज्जैन, एसडीएम नागदा एवं तहसीलदार नागदा पिटीशनर है। जिसमें ग्रेसिम एवं भारत कामर्स उद्योग को पार्टी बनाया गया है। दोनों पक्षों के बीच बंद पड़े भारत कामर्स उद्योग की भूमि को लेकर स्वामित्व का विवाद है। इस भूमि पर कई आलीशान कोठियां बनी हुई है। इन कोठियों में लैंक्सेस के कई अधिकारी निवास कर रहे हैं। जबकि राजस्व में कब्जा शासन का है।
कब्जा प्रशासन का
जानकारी के अनुसार इस संपति पर अभी दस्तावेजों में कब्जा मप्र शासन का है। तत्कालीन तहसीलदार नागदा ममता पटेल ने एक आदेश के बाद इस संपति पर कब्जा दिनांक 18 सितंबर 2014 को किया था।
शिकायतकर्ता का कहना
शिकायतकर्ता अभिषेक का कहना हैकि जब प्रशासन का कब्जा राजस्व रिकॉर्ड में है तो ग्रेसिम प्रबंधन ने इन कोठियों को किराए पर लैक्सेस के अधिकारियों को किस आधार पर दे दिया। इसकी शिकायत उच्च स्तर की गई है।
पक्ष रखने से कतराया प्रबंधन
मामले में लैंक्सेस के जिम्मेदार अधिकारी पिंटूदास से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। लैंक्सेस कंपनी की एक एजेंसी से सबंधित उमेश सक्सेना इंदौरने भी फोन नहीं उठाया। स्थानीय कर्मचारी निलेश मेहता को यह पूरा मामला बता दिया गया। उनका कहना हैकि उच्च अधिकारी आप से बात करेंगे। लेकिन किसी ने बात नहीं की।