इंदौर। शहर की पार्किंग समस्या (parking problem) दूर करने के दावे बीते कई वर्षों से किए जा रहे हैं और निगम ने जो पार्किंग कॉम्प्लेक्स (parking complex) बनाए वे भी फ्लॉप साबित हुए। अब मैकेनाइज्ड मल्टीलेवल पार्किंग सिस्टम (multilevel parking system) अपनाया जा रहा है। ग्रेटर कैलाश, जिसे आदर्श सडक़ कहा जाता है, के बाद वीर सावरकर मार्केट (Veer Savarkar Market) में निगम लगभग साढ़े 17 करोड़ रुपए की मल्टीलेवल पार्किंग निर्मित करवा रहा है।
पिछले दिनों निगम ने अपने द्वारा घोषित की गई आदर्श सडक़ में भी पार्किंग के लिए चिह्नित जमीन पर मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण शुरू करवाया। उसी तरह शहर के व्यस्त बाजारों में इसी तरह की पार्किंग निर्मित कराई जाएगी। अभी निगम ने वीर सावरकर मार्केट में दोपहिया और चार पहिया वाहनों के लिए मैकेनाइज्ड पार्किंग सिस्टम बनाने का निर्णय लिया। इंदौर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड ने इसका टेंडर भी जारी कर दिया है। निगम ने इस सिस्टम की 17 करोड़ 54 लाख रुपए की अनुमानित कीमत आंकी है, जिसके चलते योग्य ठेकेदार फर्मों से डिजाइन, डेवलपमेंट, ऑपरेट, मेंटेन और फिर ट्रांसफर सिस्टम के तहत ऑफर बुलवाए हैं। उल्लेखनीय है कि निगम बीते कई सालों से शहर की पार्किंग व्यवस्था को दुरुस्त करने के दावे करता रहा है और कई जगह पार्किंग कॉम्प्लेक्स भी बनाए, लेकिन ठेके पर दिए ये सभी कॉम्प्लेक्स फ्लॉप ही साबित हुए और अधिकांश लोग अपने वाहन सडक़ों पर ही खड़े करते हैं। निगम का यह भी दावा है कि राजबाड़ा जैसे घने क्षेत्र में इस तरह की कुछ अन्य मैकेनाइज्ड और मैन्युअल पार्किंग तैयार की जा रही है, क्योंकि सबसे अधिक समस्या यहीं पर है। दो से तीन किलोमीटर के दायरे में, जिसमें राजबाड़ा, एमजी रोड, जवाहर मार्ग और उससे जुड़ा हुआ पीछे की तरफ सराफा, क्लॉथ मार्केट, सीतलामाता बाजार जैसे अत्यंत घने और व्यस्त क्षेत्र शामिल हैं, जहां पर साइकिल तक खड़ी करने की जगह आसानी से नहीं मिलती। यहां तक कि निगम ने सुभाष चौक की खुली पार्किंग का भी सत्यानाश कर दिया और वहां पर व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बनवा डाला।
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